mobile phone theft : कर्मचारियों की कमी बनी समस्या
मोबाइल चोरी की ट्रेकिंग में जीआरपी सफल नहीं हो पा रहा है। इसके पीछे कहीं न कहीं स्टॉफ की कमी और संसाधनों का सीमित होना भी है। जिसके कारण खोए हुए मोबाइल की ट्रैकिंग और रिकवरी में लंबा समय लगता है।इंडिगो का समर सीजन में नया शेड्यूल, जबलपुर से हैदराबाद-इंदौर जाना हुआ आसान

mobile phone theft : पोर्टल पर शिकायत का विकल्प
यदि कोई यात्री एफआईआर दर्ज नहीं करना चाहता, तो वह पोर्टल के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है। इसमें उसे आईएमईआई नंबर, मोबाइल नंबर, डिवाइस ब्रांड, मॉडल, गुमने का स्थान,दिन, शहर का नाम, मोबाइल मालिक, पता, आधार,पेन कार्ड जैसी आईडी देनी होगी। यह सुविधा उन यात्रियों के लिए काफी लाभकारी साबित होगी, जो समय की कमी के कारण एफआईआर दर्ज नहीं कर पाते। पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने से तत्काल कार्यवाही शुरू हो जाएगी और खोए हुए मोबाइल के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।mobile phone theft : एनएफआर में लागू है व्यवस्था
नार्थ फ्रंटियर रेलवे में इस तरह की व्यवस्था है। इसे पमरे सहित अन्य रेलवे जोन में भी लागू किया जा रहा है। इसके लिए दूरसंचार विभाग और आरपीएफ के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाई जाएगी, जो खोए हुए मोबाइल फोन की ट्रैकिंग करेगी।
mobile phone theft : यह है स्थिति
प्रदेश में हर साल 85000 से अधिक मोबाइल चोरी के मामलेजबलपुर में हर साल 1100 मोबाइल की चोरी
मोबाइल ट्रेकिंग दर मात्र 37 प्रतिशत mobile phone theft : इस योजना पर उ‘च विभागीय स्तर पर काम किया जा रहा है। एनएफआर में इसके अ‘छे परिणाम सामने आए हैं। यात्रियों को मोबाइल खोजने में प्रभावी मदद मिलेगी।
- राजीव खरब, पोस्ट प्रभारी