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Board Exam में ईमानदारी की पेटी का कमाल, 68% कम नकल हाईकोर्ट में पेश रिपोर्ट में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों और सरकार की ओर से बताया गया कि रामकी के संयंत्र में रोज 270 किलोग्राम प्रति घंटे की गति से यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाया गया है। इसी रफ्तार से अगले 72 दिनों में पूरा कचरा खत्म कर दिया जाएगा। सरकार ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि कचरा नष्ट करने की प्रक्रिया पूरी तरह प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में की जा रही है। इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। कोर्ट ने कचरा निस्तारण पर उठी आपत्तियों और सुझावों को सरकार के समक्ष रखने की छूट भी दी है।
लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए
हाईकोर्ट ने सरकार को यह भी निर्देश दिए कि पूरे मामले में नियमों का पूरी तरह से पालन हो। किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए। पीथमपुर के स्थानीय लोगों को भी कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्रीय और मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में पूरा कचरा जलाना चाहिए। ये भी पढें –
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वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने बताया, कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट गए थे। शीर्ष कोर्ट ने उनकी याचिका पर कहा है, हाईकोर्ट के निर्देश पर बनी समिति की देखरेख में कचरा जलाया जा रहा है। समिति में नीरी समेत विशेषज्ञ संस्थाएं हैं। इसलिए निस्तारण प्रक्रिया को गलत नहीं कह सकते। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सुझाव शासन को देने कहा है।