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जबलपुर

Big News: MP में 34 करोड़ का GST Scam, किसानों के नाम पर बनाई फर्जी फर्म

ITC scam: EOW ने रांची से मास्टरमाइंड को पकड़ा है जिसने एमपी के जबलपुर, भोपाल, इंदौर समेत कई राज्यों में 34 करोड़ के जीएसटी घोटाले (GST scam) को अंजाम दिया है। किसानों के नाम पर बोगस फर्म बनाकर किया खेल। (MP News)

जबलपुरJun 28, 2025 / 01:37 pm

Akash Dewani

EOW caught mastermind of 34 crores GST scam ITC scam

EOW caught mastermind of 34 crores GST scam ITC scam
(फोटो सोर्स- Patrika.com)

ITC scam: जीएसटी में फर्जीवाड़े (GST scam) के आरोपी को ईओडब्ल्यू (EOW) ने झारखंड के रांची से गिरफ्तार किया है। अभी तक की जांच में किसानों के नाम पर बोगस फर्मे बनाकर 34 करोड़ का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस काम में एक पूरा गिरोह लगा हुआ था, जिसके तार मध्यप्रदेश के जबलपुर, भोपाल इंदौर के साथ ही छत्तीसगढ़, झारखंड और महाराष्ट्र तक जुड़े हुए हैं। (MP News)
गिरोह का सरगना विनोद कुमार सहाय उर्फ एनके खरे है, जो झारखंड के रांची में छिपा हुआ था। ईओडब्ल्यू की टीम ने उसका पता लगाकर रांची में दबिश दी और गिरफ्तार करके जबलपुर ले आई। जिसे शुक्रवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। उससे दस्तावेजों की बरामदगी कराने के साथ ही गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी जुटाई जाएगी।
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बताता था फर्जी नाम, फिर देता था झांसा

शहर समेत भोपाल और इंदौर समेत छत्तीसगढ़ के कई शहरों के लोगों को लोन दिलाने का झांसा देकर उनके दस्तावेज लेने और फिर उनके जरिए फर्जी फर्मे खोलकर 34 करोड़ रुपए की जीएसटी की चोरी का मामला सामने आया है। मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने एफआईआर दर्ज की। गिरोह के सरगना विनोद कुमार सहाय को रांची से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। अब ईओडब्ल्यू की टीम गिरोह में शामिल उसके साथियों का पता लगा रही है।

किसानों को लोन दिलाने के नाम पर लूटता था पैसे

विनोद ने जबलपुर के प्रताप सिंह लोधी, दीनदयाल लोधी, रविकांत सिंह और नीलेश कुमार से पहचान की। खुद का नाम एनके खरे बताया। उन्हें लोन दिलाने का झांसा दिया और बताया कि इसके लिए जीएसटी पंजीयन आवश्यक है। इन किसानों को भरोसे में लेकर उसने सभी के आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो, बैंक खाता स्टेटमेंट और कृषि भूमि के दस्तावेज समेत अन्य चीजें लीं।
इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर बोगस फर्म का पंजीयन कराया और पूरा नियंत्रण उसने अपने पास रखा और उनमें अपने मोबाइल नम्बर दर्ज कराए और ई मेल एड्रेस भी खुद का डाला ताकि सभी तरह की सूचनाएं उसी के पास पहुंचें। यह फर्मे केवल दस्तावेजों में संचालित हो रही थीं।
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जबलपुर की इन फर्मो के नाम फर्जीवाड़ा

  • प्रताप के नाम पर रजिस्टर्ड मेसर्स मां नर्मदा ट्रेडर्स में एक करोड 16 लाख 62 हजार 900 रुपए की आऊटवर्ड सप्लाई दिखाई। 33 लाख 33 हजार 50 रुपए बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट किया।
  • दीनदयाल के नाम से रजिस्टर्ड मेसर्स नमामि ट्रेडर्स में दस करोड़ 58 लाख 73 हजार 393 रुपए की आऊटवर्ड दिखा दो करोड़ 84 लाख 67 हजार 101 रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट किया।
  • रविकांत के नाम पर रजिस्टर्ड मेसर्स मां रेवा ट्रेडर्स नॉन ऑपरेशनल थी, लेकिन इसमें दो करोड 19 लाख 27 हजार 147 रुपए की बोगस सप्लाई थी।
  • नीलेश पटेल के नाम पर रजिस्टर्ड मेसर्स अभिजीत ट्रेडर्स का कोई व्यवसाय नहीं था। इसमें उसने नौ करोड 99 लाख 86 हजार 800 रुपए बोगस सप्लाई की गई।

इंदौर की इन फर्मो के नाम फर्जीवाड़ा

  • इंदौर की केडी सेल्स कार्पोरेशन को इंदौर में पंजीकृत कराया। उसका प्रोपाराइट प्रमोद कुमान नामदेव था, जो इस गिरोह का हिस्सा है। इस फर्म में 64 करोड़ 38 लाख 61 हजार 764 रुपए के बोगस इन्वाइस जारी कर 17 करोड़ 70 लाख 70 हजार 560 रुपए का फर्जी इनपुट क्रेडिट अन्य फर्मो को दिया गया।
  • महक इंटरप्राइजेज को भोपाल में पंजीकृत करवाया। यह फर्म राजा शेख के नाम पर थी। इसमें एक करोड 20 लाख 20 हजार 608 रुपए का फेक इनपुट टैक्स क्रेडिट किया।

खुद भी बोगस फर्मो में बना डायरेक्टर

विनोद ने खुद सिटरोन मिनरल्स प्रायवेट लिमिटेड, गेरिसन कॉल प्रायवेट लिमिटेड, आर्या कोल ट्रेड्रिंग प्रायवेट लिमिटेड, वीके मिनरल्स प्रायवेट लिमिटेड, जेएमएसडी आलॉप्स प्रायवेट लिमिटेड जैसी कम्पनियां भी बनाई। जिसमें वह खुद डायरेक्टर था। इन कम्पनियों में भी फर्जी इनपुट क्रेडिट किया गया। विनोद ने दिलीप ट्रेडर्स, अंकिता स्टील एंड कोल, जगदम्बा कोल कैरियर्स, कोराज टेक्निक्स, महामाया ट्रेडर्स, अम्बर कोल और अनम ट्रेडर्स नाम की फर्जी फर्मो काभी खुलासा हुआ है।

एक ही नम्बर और ईमेल

विनोद का फर्जीवाड़ा यहीं नहीं थमा, उसने जगदम्बा कोल कैरियर्स और महामाया ट्रेडर्स जैसी कई और फर्मो का पंजीकरण कराया। उनकी सील और लैटरहेड बनवाए। उसने इनमें पूर्व से रजिस्टर्ड फर्मो में दर्ज किए गए मोबाइल नम्बर और ई मेल एड्रेस दर्ज किए थे।

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