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जबलपुर

28 वार्डों में नहीं खुल सके संजीवनी क्लीनिक, कहीं स्टाफ, तो कहीं जमीन नहीं

Sanjeevani clinics : शहर के 28 वार्डों के रहवासी अब भी संजीवनी क्लिनिक की पहुंच से बाहर हैं।

जबलपुरJun 02, 2025 / 12:43 pm

Lalit kostha

Sanjeevani clinics

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Sanjeevani clinics : शहर के 28 वार्डों के रहवासी अब भी संजीवनी क्लिनिक की पहुंच से बाहर हैं। यहां के लोगों को सामान्य समस्याओं के लिए भी जिला और मेडिकल अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ रहा है। नगर के 79 में से 51 वार्डों में ही अब तक स्वास्थ्य सेवाएं शुरू हो सकी हैं लेकिन घर के आसपास के ही प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ अब भी बड़ी आबादी को नहीं मिल पाया है।

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Sanjeevani clinics : 19 वार्डों में पहले से थीं सुविधाएं

संजीवनी योजना के तहत नगर में वार्ड स्तर पर खोले जाने वाले स्वास्थ्य केन्द्र के लिए निगम को भवन उपलब्ध कराने थे। वहीं स्वास्थ्य विभाग को एनआरएचएम के तहत चिकित्सक व सहयोग स्टाफ की नियुक्ति करना थी। 19 वार्डों में अस्पताल या फिर स्वास्थ्य केन्द्र होने के कारण पहले से स्वास्थ्य सेवाएं मौजूद थीं। 60 वार्डों में नए स्थान पर संजीवनी केन्द्र खोलने के लिए जगह उपलब्ध कराई जाना थी। इनमें से 43 वार्डों में नए क्लीनिक खुलने थे। 32 वार्डों में क्लीनिक शुरू हो गए हैं। 5 वार्ड में क्लीनिक बनकर तैयार हैं, मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति बाकी है। वहीं 6 क्लीनिक के लिए जगह ही नहीं मिली है।
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Sanjeevani clinics : वार्ड में स्वास्थ्य केंद्र इसलिए जरूरी

किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य बिगडऩे या दुर्घटना घटने पर उसे सबसे पहले फर्स्ट एड की आवश्यकता होती है। वार्ड में स्वास्थ्य केन्द्र होने पर व्यक्ति को तत्काल ये सुविधा मिल जाती है, अन्यथा उसे अस्पताल तक ले जाने से लेकर वहां एडमिशन की प्रक्रिया पूरी होने और इलाज में महत्वपूर्ण समय निकल जाता है। इसके कारण कई बार मरीज का स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ जाता है।

Sanjeevani clinics : यह है स्थिति

06 क्लीनिक के लिए नहीं मिली जगह
05 क्लीनिक में मेडिकल ऑफिसर मिलने का इंतजार
43 के लिए मिली थी जगह, स्टाफ की उपलब्धता के अनुसार शुरू किया जा रहा है संचालन
Sanjeevani clinics : 43 नए क्लीनिक खुलने थे, इनमें से 32 शुरू हो गए हैं। 5 क्लीनिक बनकर तैयार है, उनमें मेडिकल ऑफिसर मिलना बाकी हैं, जबकि 6 और क्लीनिक के लिए जगह नहीं मिली है।
  • डॉ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ

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