CG Election 2025: शहर का चुनाव इस वक्त काफी रोचक
कहा जा रहा है कि चुनावी समर में सिर्फ प्रत्याशी ही नहीं दिग्गज भी फंसे हुए हैं। इस बात की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि शहर का चुनाव इस वक्त काफी रोचक हो चला है। मुकाबला कांटे का बताया जा रहा है। चुनाव में परिणाम जिस भी ओर जाएगा उससे प्रभावित होने वाले नेताओं की चिंता अभी से बढऩे लगी है। भाजपा से
जगदलपुर के विधायक और प्रदेश अध्यक्ष किरण देव के अलावा वन मंत्री केदार कश्यप की साख परिणामों पर टिकी हुई है।
वहीं कांग्रेस से दीपक बैज पर काफी दबाव है। वे जब से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने हैं तब से उनके नेतृत्व में बस्तर में पार्टी को बड़ी जीत नहीं मिली है। विधानसभा में तो वे खुद हार गए थे। उनके नेतृत्व में ही प्रदेश में विधानसभा का चुनाव लड़ा गया और पार्टी की बुरी हार हुई। उसके बाद हुए लोकसभा के चुनाव में भी कांग्रेस के हाथ निराशा आई। जगदलपुर निगम कांग्रेस का वो किला है जो 10 साल से किसी ने भेदा नहीं है। ऐसे में बैज के सामने इस किले को संभाले रखने की बड़ी चुनौती है।
जगदलपुर निगम के परिणाम बेहद महत्वपूर्ण
संजय पांडेय को वन मंत्री केदार कश्यप का बेहद करीबी माना जाता है। अब जबकि वे चुनावी मैदान में हैं तो केदार कश्यप की जिम्मदारी भी बढ़ गई है। इसके अलावा जगदलपुर के विधायक किरण देव के लिए भी संजय की जीत प्रतिष्ठा का विषय है। किरण देव लगातार चुनावी सभा में बीते एक साल में शहर में किए गए काम गिना रहे हैं। इसके जरिए वे संजय के पक्ष में माहौल बनाते दिख रहे हैं। हालांकि केदार और किरण के लिए जगदलपुर निगम के परिणाम बेहद महत्वपूर्ण है। दोनों नेता महापौर के अलावा शहर के सभी 48 वार्डों पर भी नजर बनाए हुए हैं।
बैज के खास हैं गैदू इसलिए चुनौती और बड़ी, ग्राफ बढ़ा रहे
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के खास रहे मलकीत सिंह गैदू को इस बार पार्टी ने जगदलपुर का महापौर प्रत्याशी बनाया है। अब तक जो रूझान सामने आ रहे हैं उसमें गैदू भाजपा के प्रत्याशी को कांटे की टक्कर देते दिख रहे हैं। बावजूद इसके बैज की चिंता इस बात को लेकर बनी हुई है कि उन्हें अपने भरोसेमंद को शहर की कमान सौंपनी है। दीपक बैज अब तक प्रदेशभर में कांग्रेस के लिए वोट मांग रहे थे लेकिन अब वे आखिरी दिनों में शहर पहुंच रहे हैं और बताया जा रहा है कि वे गैदू की जीत के लिए पूरी मेहनत करने वाले हैं। इससे स्पष्ट है कि गैदू की जीत दीपक के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। शहर गली-मोहल्लों में इस वक्त इसी बात की चर्चा हो रही है कि आखिर शकर का माहापौर कौन बनने जा रहा है। इसके अलावा लोग अपने-अपने वार्डों में पार्षदों की जीत का भी गुणा-भाग लगा रहे हैं।
निर्दलीय बिगाड़ रहे भाजपा और कांग्रेस का समीकरण
CG Election 2025: मतदान को अभी दो दिन का वक्त बाकी है और पार्षदों के चुनाव में भी
भाजपा-कांग्रेस को लोग बराबरी की रेस में बता रहे हैं। हालांकि एक वर्ग यह भी कह रहा है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है और इसका फायदा इस बार भाजपा को मिलेगा। शहर के कई ऐसे वार्ड हैं जहां इस बार निर्दलीय भाजपा और कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ते दिख रहे हैं।
भाजपा ने जिन लोगों को टिकट नहीं दी वे बागी हो गए और चुनाव मैदान में हैं ऐसे कुछ बागी चुनाव में पहले से दूसरे नंबर पर दिख रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के भी कुछ बागी अपनी ही पार्टी की स्थिति कमजोर करते दिख रहे हैं। कहा जा रहा है कि परिणामों में दो से तीन वार्ड इस बार निर्दलियों के खाते में जा सकते हैं।