महापौर संजय पांडेय का कहना है कि नगर निगम का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ ही दिनों में बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जाए। इस मुहिम की खासियत यह है कि जिम्मेदारी केवल निगम की नहीं होगी, बल्कि वार्डवासियों को भी इसमें सक्रिय जिम्मेदारी दी जाएगी। निगम ने तय किया है कि हर वार्ड में पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी स्थानीय लोगों को ही सौंपी जाए ताकि पौधे सुरक्षित और हरे-भरे रह सकें।
CG News: पहले चरण में वार्डों में जगह तलाशने सर्वे की शुरुआत
इस अभियान के लिए पहले चरण में निगम की टीमों ने वार्डों का सर्वे शुरू कर दिया है। खाली पड़ी सरकारी और सार्वजनिक जमीनों को चिन्हांकित कर वहां पौधे लगाए जाएंगे। निगम अधिकारियों का कहना है कि इससे एक तो खाली जगहों का सदुपयोग होगा, दूसरा शहर में हरियाली बढ़ेगी और पर्यावरण भी सुधरेगा। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि नगर निगम का यह प्रयास शहर को एक नई पहचान देने के साथ ही आने वाली पीढिय़ों के लिए भी एक खूबसूरत तोहफा साबित होगा।
बाजार क्षेत्र में जगह कम फिर भी संभावनाएं तलाश रहे
महापौर संजय पांडेय ने कहा कि हमारा प्रयास है कि शहर के हर उस कोने में हरियाली नजर आए जहां खाली जगह है। ऐसी जगह जिनका कोई उपयोग नहीं है वहां पर हम पौधे लगाएंगे। शहर में कई ऐसे वार्ड है जहां पर वार्डों के लिए ऑक्सीजोन तैयार हो सकते हैं। पांडेय ने कहा कि बाजार क्षेत्र में खाली जगह बहुत कम है फिर भी हम संभावनाएं तलाश रहे हैं। व्यापारियों को साथ लेकर हम इस पर काम करेंगे। वार्डों में भी वहां के रहवासियों को साथ लेकर ही काम किया जा रहा है।
जनभागीदारी के साथ आगे बढ़ाएंगे मुहिम
संजय पांडेय, महापौर, जगदलपुर: इस मुहिम का पहला उद्देश्य यह है कि इसमें लोगों की जनभागीदारी हो। हम चाहते हैं कि लोग अपने वार्डों में लगे पौधों को अपने परिवार का सदस्य समझकर देखभाल करें। इससे न केवल हरियाली बढ़ेगी, बल्कि लोगों में पर्यावरण के प्रति जिमेदारी का भी भाव जागेगा। नगरनार में
स्टील प्लांट लगने के बाद से शहर का तापमान बढ़ रहा है। जानकार कहते हैं कि वार्डों में अगर पौधरोपण की यह मुहिम सफल होती है तो प्लांट की वजह से होने वाला कार्बन उत्सर्जन रुकेगा। वायु प्रदूषण पर भी रोक लगेगी। 100 प्रतिशत पौधरोपण के बाद 80 प्रतिशत पौधे भी बच गए तो शहर के लिए यह एक बड़ी सफलता और उपलब्धि होगी।
पौधे भले कम लगें पर जीवित रहें
CG News: संपत झा, पर्यावरणविद्, ट्री मैन: नगर निगम की यह पहल स्वागत योग्य है। मेरा मानना है कि पौधे भले ही कम लगें पर वह जीवित रहें। नगर निगम को वार्डों में वृक्ष मित्र बनाने होंगे। पौधरोपण के लिए जो गड्ढे खोदेंगे उसमें अच्छी किस्म की मिट्टी और गोबर खाद डालें। अभियान में वन विभाग के विशेषज्ञों को भी शामिल करें। पांच फीट से ज्यादा के पौधे लगें। दो साल तक पौधों की सतत निगरानी और देखरेख होनी चाहिए। खरपतवार पर विशेष ध्यान देना होगा।