CG News: सरसों के किस्मों पर कर रहे शोध
कुहारावंड कृषि महाविद्यालय और कृषि अनुसंधान केन्द्र में वैज्ञानिक देवचंद सलाम और डॉक्टर आर कंवर के द्वारा सरसों के किस्मों पर शोध कर रहे हैं। जिन्हों बताया कि अन्य तिलहन फसलों में सरसों का उत्पादन कम लागत और अच्छी आमदनी किसानों को प्राप्त हो सकती है। इसकी खेती के लिए कम पानी चाहिए। तीन से चार माह में उत्पादन देता है और बीमारियां कम लगती हैं। बाजार में इंदिरा तोरिया, माया, आशीर्वाद, नवगोल्ड, राज विजय सरसों की अच्छी किस्म मानी जाती है। उन्होने बताया कि किसान 1 एकड़ भूमि 7 क्विंटल सरसों का उत्पादन कर सकता है। जिससे 210 लीटर ऑयल निकलेगी। बाजार में यदि किसान 150 रुपए प्रति लीटर में बेचता है, तो 31,500 रुपए की आमदनी प्राप्त कर सकता है। बाजार में सरसों एक लीटर180 रुपए से 200 रुपए तक बिकता है। बस्तर के किसान धान और मक्का के अलावा सरसों की खेती कर मुनाफा ले सकते हैं। आन्ध्रदेश, असम, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में किसान अब व्यवसायिक खेती को अपना रहे हैं। छत्तीसगढ़ में बालोद और कांकेर में सरसों का उत्पादन किया जा रहा है।
प्रसंस्करण मशीन भी कम कीमत पर
सरसों के बीज के लिए प्रसंस्करण मशीन भी बाजार में बेहद कम कीमत पर उपलब्ध हो जाती हैं। बाजार में 15 से 20 हजार रुपए तक मशीन मिल जाती हैं। किसान सरसों की खेती कर बीज और ऑयल उत्पादन कर बाजार में बिना मिलावट के शुद्ध तेल की बिक्री कर अच्छी आमदनी उत्पन्न कर सकते हैं।