Ganga Dussehra 2025: दान-पुण्य से आती है सुख समृद्धि
इस दिन गंगा दशहरा पर्व पर 10 में से 6 योग विद्यमान रहेंगे। जिसमें ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, मध्यान्ह में व्यातिपात योग, हस्त नक्षत्र, कन्या राशि का चंद्रमा, वृषभ राशि का सूर्य यह छह योग रहेगी। मान्यता है कि गंगा दशहरा पर स्नान व दान-पुण्य से सुख समृद्धि आती है। रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना
ज्योतिषाचार्य पं दिनेश दास ने बताया कि धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान राम के पूर्वज राजा भागीरथ के तप से प्रसन्न होकर मां गंगा की धारा धरती पर अवतरित हुई थी। पाप नाशिनी गंगा अपने साथ कई पुण्य और सुख समृद्धि साथ लेकर आयी थी। भगवान श्रीराम ने इसी दिन रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना भी की थी। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को संवत्सर मुखी की संज्ञा दी गई है। इसमें पुण्यफल की प्राप्ति हेतु स्नान और दान का बहुत ही महत्व माना गया है।
गंगा दशहरा एवं योग
गंगा दशहरा की शुरूआत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 4 जून को देर रात 11 बजकर 54 मिनट पर शुरू होकर 5 जून की देर रात 02 बजकर 15 मिनट पर समापन होगा। इस तरह 5 जून को गंगा दशहरा मनाया जाएगा। ज्योतिष के अनुसार गंगा दशहरा पर रवि और सिद्धि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। रवि योग दिन भर रहेगा। वहीं, सिद्धि योग सुबह 9 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। इस योग में जीवन में शुभ परिणाम मिलेंगे।
रवि और सिद्धि योग का दुर्लभ संयोग, मिलेंगे शुभ परिणाम
गंगा दशहरा के दिन शाही स्नान का समय सुबह 04 बजकर 59 बजे से सुबह 6:42 बजे तक, सामान्य स्नान सुबह 5 बजकर 15 मिनट से पूरे दिन रहेगा। इसके अलावा गुलिक काल मुहूर्त सुबह 8 बजकर 24 बजे से 10.6 बजे तक, चर लाभ अमृत मुहूर्त सुबह 10. 06बजे से अपरान्ह 03:15 बजे तक रहेगा।