जल संसाधन मंत्री रावत ने अप्रैल 2025 में परवन बांध का निरीक्षण कर प्रभावित परिवारों से संवाद किया था। उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने राजकीय भूमि (चारागाह, सिवायचक व वन भूमि) पर बने मकानों को भी मुआवजा देने का प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेजा, जिसे मंजूरी मिल गई है।
पहले नहीं मिलता था मुआवजा
परियोजना के तहत पूर्व में 47 गांवों की भूमि और 29 गांवों के आंशिक व पूर्ण डूब प्रभावित मकानों को मुआवजा दिया गया था, लेकिन राजकीय भूमि पर बने मकानों को इससे वंचित रखा गया था। अब खानपुर व अकलेरा (झालावाड़) के 17 और छीपाबड़ौद (बारां) के 10 गांवों के परिवारों को भी लाभ मिलेगा।
परियोजना को मिलेगी गति
विशेष मुआवजे की यह स्वीकृति न केवल प्रभावित परिवारों के लिए राहत का काम करेगी, बल्कि परवन परियोजना के शेष निर्माण कार्यों को भी गति प्रदान करेगी। यह परियोजना 571 गांवों की 2 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित करेगी तथा 1402 गांवों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। मंत्री का बयान
सुरेश सिंह रावत ने कहा,
“हाड़ौती की इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के डूब क्षेत्र के प्रभावितों को अब न्याय और सम्मानजनक मुआवजा मिलेगा। इससे न केवल उन्हें राहत मिलेगी बल्कि निर्माण कार्य भी तय समय में पूरा किया जा सकेगा।”