अनियंत्रण के झटके से जतिन ट्रैक्टर से नीचे गिर गया और दुर्भाग्यवश उसका शरीर पिछले भारी पहिए की चपेट में आ गया। पहिए के नीचे दबने से मौके पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई। दादा ने जब पोते का लहूलुहान शव सड़क पर पड़ा देखा तो वह उससे लिपटकर फूट-फूट कर रोने लगा।
हादसा इतना भयावह था कि परिजनों के होश उड़ गए। वे उसे तुरंत बयाना उपजिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जतिन ने हाल ही में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की थी और भविष्य के सपने संजो रहा था। घटना के वक्त वह परिवार के साथ खाद, बीज और डीजल लेने के लिए जा रहा था, ताकि खेती के इस मौसम में घर की जरूरतें पूरी हो सकें। बता दें कि जतिन के पिता की दोनों किडनी खराब है, जिसके चलते उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। छोटा भाई अभी 9वीं क्लास में पढ़ता है।
घटना की सूचना मिलते ही झील चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। चौकी प्रभारी पूरन सिंह ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया है। प्रारंभिक तौर पर कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई गई है, लेकिन जांच की जा रही है।
जतिन की मृत्यु से गांव में शोक की लहर दौड़ गई। घर में कोहराम मच गया। अस्पताल परिसर में मातम पसरा रहा। मां-बाप, भाई-बहन और रिश्तेदारों की आंखों से बहते आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे।
पत्रिका की अपील
ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रैक्टर जैसे भारी वाहनों पर किशोरों की असावधानीपूर्वक सवारी कई बार जानलेवा साबित होती है। यह घटना न केवल एक परिवार के सपनों का अंत है, बल्कि समाज के लिए भी चेतावनी है कि सुरक्षा और जागरूकता में कोई कोताही न बरती जाए।