वर्मा ने बताया कि वर्ष 2025-26 के राज्य बजट के के तहत प्रदेशभर में 5000 अन्नपूर्णा भंडार स्थापित किए जाएंगे। इन भंडारों के माध्यम से आमजन को गुणवत्तापूर्ण मल्टी-ब्रांड उपभोक्ता वस्तुएं सस्ती और प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्पादों का चयन विशेष रूप से अल्प आय वर्ग की रोजमर्रा की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा, जिससे गुणवत्तायुक्त वस्तुएं सुलभ होने के साथ-साथ उपभोक्ताओं के खर्च में भी कमी आएगी।
प्रबंध निदेशक ने आश्वस्त किया कि राशन डीलरों और उत्पाद निर्माताओं के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। गुणवत्ता के मामले में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा और उत्पादकों को समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
बैठक में अन्नपूर्णा भंडारों के लिए स्थान चयन, भंडारण, परिवहन, तकनीकी आवश्यकताएं, आपूर्ति श्रृंखला, भुगतान प्रक्रिया, अन्य राज्यों के अनुभव, गुणवत्ता नियंत्रण, उत्पाद सूची और मूल्य निर्धारण जैसे अहम मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। वर्मा ने कहा कि प्राप्त सभी उचित सुझावों को कार्ययोजना में सम्मिलित किया जाएगा, जिससे योजना को और अधिक प्रभावी व पारदर्शी बनाया जा सके।
इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य स्तरीय एफएमसीजी कंपनियों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। ओसवाल से राहुल चौधरी, आईटीसी से कुनाल सोनी, रिलायंस एफएमसीजी एग्रीगेटर से देवेन्द्र सिंह, मेट्रो से सचिन अग्रवाल, एफएमसीजी सीएफए प्रतिनिधि, और राशन डीलर एसोसिएशन, राजस्थान के अध्यक्ष हेमराज मीना और डिम्पल कुमार शर्मा ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के उपायुक्त ब्रह्मलाल जाट, निगम की महाप्रबंधक (विपणन) मिथलेश मीणा, महाप्रबंधक (वित्त) परमेश्वर सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।