फेक न्यूज के जाल में न फंसें
सोशल मीडिया पर हर दिन सैकड़ों फर्जी खबरें वायरल होती हैं। आइएसबी और साइबरपीस के अध्ययन के अनुसार 77.4 फीसद फेक न्यूज सोशल मीडिया के जरिए फैलती है। किसी भी खबर पर तुरंत यकीन न करें, पहले उसकी सत्यता जांचें।Weather Update : 1 अप्रेल से बदलेगा मौसम, राजस्थान में इन 2 दिन होगी बारिश, गरजेंगे मेघ
फ्री ऐप डाउनलोड करने की भारी कीमत
मोबाइल ऐप डाउनलोड करते समय हम अक्सर बिना सोचे-समझे सभी अनुमतियां दे देते हैं। लेकिन क्या वाकई एक फ्लैशलाइट ऐप को आपके कॉन्टेक्ट्स की जरूरत है? कई ऐप्स आपकी निजी जानकारी चुराकर उसे बेचते हैं। किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी अनुमतियां ध्यान से पढ़ें।राजस्थान में ग्राम पंचायत व जिला परिषद पुनर्गठन पर आई बड़ी खबर, एक बार फिर बढ़ी डेट
इंस्टाग्राम फॉलोअर्स का झांसा
सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर बनना आजकल फैशन बन गया है। क्या आप जानते हैं कि इंस्टाग्राम पर 60% फॉलोअर्स फर्जी होते हैं? कई लोग पैसे देकर फर्जी फॉलोअर्स खरीदते हैं, जिससे ब्रांड्स को बड़ा नुकसान होता है। अगर किसी के लाखों फॉलोअर्स हैं लेकिन पोस्ट पर लाइक्स और कमेंट्स बहुत कम हैं तो समझ जाएं कि मामला गड़बड़ है।खाद्य सुरक्षा योजना पर नया अपडेट, डिपो से गेहूं उठाव की समय सीमा बढ़ाई
ऑनलाइन शॉपिंग : छूट के जाल में फंसना
ऑनलाइन शॉपिंग ने हमारी जिंदगी आसान कर दी है, लेकिन यह साइबर ठगों के लिए भी नए रास्ते खोल रही है। नकली वेबसाइट्स असंभव डिस्काउंट ऑफर कर लोगों को लुभाती हैं। रिजर्व बैंक के अनुसार 2022-23 में ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड के मामले 36% बढ़े। सावधान रहें! अनजानी वेबसाइट से खरीदारी करने से पहले उसकी प्रामाणिकता जांचें और संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।सस्ते ट्रेवलिंग का धोखा
छुट्टियों का मौसम आते ही ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग के नाम पर ठगी के मामले भी बढ़ जाते हैं। मैकेफी की रिपोर्ट बताती है कि 51% भारतीय ऑनलाइन ट्रैवल स्कैम का शिकार हो चुके हैं। अनजान साइट्स पर सस्ते ऑफर्स के लालच में न आएं। बुकिंग से पहले वेबसाइट और ऑफर की जांच करें।डीपफेक : आपकी आंखों का धोखा
डीपफेक टेक्नोलॉजी से वीडियो और ऑडियो को आसानी से एडिट कर दिया जाता है, जिससे किसी भी प्रसिद्ध व्यक्ति के नाम से झूठी बातें फैलाई जा सकती हैं। चुनावों और बड़े आयोजनों के दौरान यह खतरा और भी बढ़ जाता है। 75% भारतीय डीपफेक कंटेंट देख चुके हैं, और 31% मानते हैं कि इससे चुनाव प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए हर वीडियो पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।डिजिटल अरेस्ट का डर दिखा ठगी
आजकल ठग खुद को पुलिस अधिकारी बताकर साइबर अपराधों के नाम पर लोगों को डराने लगे हैं। वे फोन कर कहते हैं कि आपका बैंक खाता या आधार नंबर किसी अपराध में इस्तेमाल हुआ है, आप पर केस दर्ज होगा। डरें नहीं, कानून प्रवर्तन एजेंसियां फोन पर इस तरह की जानकारी नहीं देतीं। ऐसे कॉल्स को तुरंत रिपोर्ट करें।कैसे बचें
1- ऑनलाइन खरीदारी: केवल विश्वसनीय वेबसाइट्स से ही खरीदारी करें।2- संदिग्ध कॉल्स: कोई भी बैंक या सरकारी एजेंसी फोन पर आपकी जानकारी नहीं मांगती।
3- डीपफेक से सावधान: किसी भी वीडियो या ऑडियो पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
4- इंस्टाग्राम फॉलोअर्स की जांच: किसी भी इंफ्लुएंसर को फॉलो करने से पहले उसके एंगेजमेंट रेट को जरूर देखें।