गहलोत ने CEC कि नियुक्ति पर उठाए सवाल
इधर, मुख्य चुनाव आयुक्त कि नियुक्ति को लेकर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार तानाशाही फैसले ले रही है एवं न्यायपालिका का सम्मान भी नहीं कर रही है। जब यह सर्वविदित है कि मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन संबंधी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कल यानी 19 फरवरी को सुनवाई होनी है तो महज दो दिन पहले नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति किया जाना दिखाता है कि केंद्र सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोर्ट का क्या आदेश आएगा। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में कहीं भी चुनाव नहीं हैं इसलिए यह जल्दबाजी क्यों की गई यह समझ से परे है। वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है, सुनवाई कल है। एक दिन इंतजार नहीं किया जा सकता था क्या? यह दिखाता है कि भाजपा सरकार की लोकतांत्रिक प्रक्रिया से आस्था खत्म हो चुकी है।
राहुल गांधी ने भी उठाए सवाल
राहुल गांधी ने इस नियुक्ति के खिलाफ आवाज उठाई, यह कहते हुए कि सरकार ने चुनाव आयुक्त के लिए पांच नाम भेजे थे, जिन्हें उन्होंने खारिज कर दिया, क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था। राहुल ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि चुनाव आयोग का स्वतंत्र होना जरूरी है, और इसमें कार्यपालिका का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करके और चयन समिति से मुख्य न्यायाधीश को हटाकर सरकार ने हमारी चुनावी प्रक्रिया की ईमानदारी पर करोड़ों मतदाताओं की चिंताओं को और बढ़ा दिया है।
1988 बैच के IAS हैं ज्ञानेश कुमार
दरअसल, 1988 बैच के IAS अधिकारी और मौजूदा चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) नियुक्त किया गया है। 61 वर्षीय ज्ञानेश कुमार इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय में कार्यरत थे। इससे पहले वे संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव के पद पर भी कार्यरत थे। मौजूदा CEC राजीव कुमार 18 फरवरी 2025 को रिटायर हो रहे हैं। नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले वे पहले CEC हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में सोमवार को हुई बैठक में नियुक्ति का फैसला किया गया। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी शामिल हुए। इसी पैनल की सिफारिश पर नए CEC की नियुक्ति हुई।