इस उपलब्धि के लिए विद्युत भवन, जयपुर में आयोजित समारोह में प्रमुख शासन सचिव (ऊर्जा) अजिताभ शर्मा ने इन सर्किलों के अभियंताओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए। उन्होंने इस उपलब्धि पर अभियंताओं को बधाई देते हुए अन्य सर्किलों और निगमों जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम को भी खराब मीटरों की संख्या शून्य करने की योजना बनाने के निर्देश दिए।
डिफेक्टिव मीटर से होता है नुकसान
डिफेक्टिव मीटर उपभोक्ता और निगम, दोनों के लिए समस्याएं उत्पन्न करते हैं। यदि कोई मीटर दो महीने से अधिक समय तक खराब रहता है, तो निगम को उपभोक्ता को 5% तक की छूट देनी पड़ती है। औसत खपत के आधार पर बिलिंग करने से न केवल बिल में त्रुटियां होती हैं, बल्कि वितरण हानियों का भी सही आंकलन नहीं हो पाता, जिससे राजस्व पर विपरीत असर पड़ता है।
उल्लेखनीय आंकड़ें
-दौसा सर्किल ने 1 जुलाई 2024 से 30 जून 2025 तक 9,139 डिफेक्टिव मीटर बदले। -जेपीडीसी नॉर्थ सर्किल ने इस वर्ष जनवरी से जून 2025 के बीच 17,885 मीटर बदले। -झालावाड़ सर्किल ने जनवरी से जून 2025 तक 1,585 खराब मीटर बदले।
इसलिए हुआ यह सुधार
चेयरमैन डिस्कॉम्स आरती डोगरा द्वारा बार-बार की गई समीक्षा बैठकों और स्पष्ट निर्देशों के परिणामस्वरूप यह सफलता संभव हो पाई है। उन्होंने सभी अधीक्षण अभियंताओं से डिफेक्टिव मीटरों की लिस्ट को शीघ्र समाप्त करने और दो माह से अधिक लम्बित मामलों पर विशेष ध्यान देने को कहा था।