न्यायाधीश अनूप कुमार ढंड ने गजेन्द्र कुमार व अन्य की याचिकाओं का निस्तारण करते हुए यह आदेश दिया। याचिका में बताया था कि 2 दिसबर 2019 को वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी पद के लिए वरिष्ठता सूची जारी की गई, जिसमें याचिकाकर्ताओं का नाम भी था। बाद में वरिष्ठता में नहीं आने के आधार पर याचिकाकर्ताओं की पदोन्नति नहीं हो पाई।
स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2013 से 2022-23 तक की रिक्तियों के लिए 23 जनवरी 2023 को रिव्यू डीपीसी की। याचिका में आरोप लगाया कि वरिष्ठता सूची में आरक्षित वर्ग की उपेक्षा की गई। इस पर सरकारी पक्ष ने कहा कि आरक्षण के लिए रोस्टर व्यवस्था को सही तरीके से लागू किया गया। कोर्ट ने दोनों पक्ष सुनने के बाद पदोन्नति पर रोक हटाते हुए याचिकाओं को निस्तारित कर दिया।