इसके बाद कलेक्ट्रेट परिसर को खाली करवाकर बम निरोधक दस्ते ने सर्च अभियान शुरू किया। भारी पुलिस बल तैनात है और किसी को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है। राजसमंद, पाली और भीलवाड़ा में भी इसी तरह के ईमेल मिले, जिसके बाद वहां भी सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
साइबर विशेषज्ञ जांच में जुटे
बता दें, साइबर विशेषज्ञ ईमेल भेजने वाले का पता लगाने में जुटे हैं, लेकिन वीपीएन के उपयोग के कारण जांच में चुनौतियां आ रही हैं। राजसमंद कलेक्टर बालमुकुंद असावा ने बताया कि धमकी भरे ईमेल के बाद परिसर को खाली करवाकर जांच शुरू की गई। एसपी मनीष त्रिपाठी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताते हुए कहा कि आईपी एड्रेस ट्रैक कर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इससे पहले 15 मई को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और आईएएस नीरज के पवन को जान से मारने और जयपुर के SMS स्टेडियम को उड़ाने की धमकी मिली थी, जिसके बाद हाई अलर्ट जारी किया गया था।
गोविंद सिंह डोटासरा ने पूछा सवाल
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने इसे कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर..राजस्थान में हो क्या रहा है? मुख्यमंत्री जी को तीन बार जान से मारने की धमकी के बाद आज प्रदेश में कई जिला कलेक्ट्रेट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। यह धमकी ऐसे समय में मिली है जब 2 दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी राजस्थान आने वाले हैं, ऐसे में प्रदेश के कई जिला कलेक्ट्रेट को बम से उड़ाने की धमकी अत्यंत गंभीर और राज्य की कानून व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाती है। उन्होंने कहा कि सीकर जिला कलेक्ट्रेट में मुख्य सचिव अधिकारियों की बैठक लेने वाले थे, उस से पहले कलेक्ट्रेट को उड़ाने की धमकी बताती है कि राजस्थान में क़ानून व्यवस्था पूरी तरह से दम तोड़ चुकी है। ये पहला मौका नहीं है, आए दिन मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारियों तक को धमकियां मिल रही हैं। अगर राज्य के मुखिया और विभाग ही सुरक्षित नहीं है तो आमजन की सुरक्षा का क्या हाल होगा?
डोटासरा बोले कि पिछले महीने 3 अप्रैल को भी जयपुर जिला कलेक्ट्रेट को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को जेल से कई बार धमकियां मिल चुकी है। लेकिन बावजूद इसके सरकार सोई हुई है और मुख्यमंत्री जी तमाशा देख रहे हैं।
टीकाराम जूली ने साधा निशाना
नेता विपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि राजस्थान के टोंक, राजसमंद, पाली और भीलवाड़ा जिलों में कलेक्ट्रेट भवनों को बम ब्लास्ट से उड़ाने की धमकी मिलना अत्यंत गंभीर और चिंताजनक विषय है। दो दिन बाद देश के प्रधानमंत्री राजस्थान आने वाले हैं, और उससे ठीक पहले चार जिलों में कलेक्ट्रेट भवनों को बम ब्लास्ट से उड़ाने की धमकी मिलना, प्रदेश की कानून-व्यवस्था की असलियत को उजागर करता है। आएं दिन मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, अधिकारीयों को धमकियां मिल रही है और सरकार मौन होकर ये सब देख रही है l जूली ने कहा कि आज सवाल सिर्फ सुरक्षा का ही नहीं, बल्कि सरकार की विफलता, सुस्त खुफिया तंत्र और जनता की सुरक्षा के भरोसे पर उठती आशंकाओं का है। मुख्यमंत्री जी आपका गृह विभाग कौन चला रहा है?