जवान की पार्थिव देह सोमवार को गांव खन्नीपुरा पहुंचेगी। मौत की खबर मिलते ही जवान की पत्नी, बेटा, बेटी सहित अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दोनों के बीच किस बात को लेकर विवाद हुआ था।
दो महीने पहले ही आए थे छुट्टी पर
परिजनों ने बताया कि रतन सिंह दो माह पूर्व एक माह की छुट्टी पर घर आए थे। वे सरल, मिलनसार व हंसमुख स्वभाव के थे। छुट्टियों पर जब भी गांव आते थे, तब गांव के सभी लोगों से मिलते थे। रतन सिंह की बीएसएफ में 3 साल की सेवा बाकी थी।
घटना से पहले की थी परिजन से बात
रतन सिंह के बेटे सुरेन्द्र ने बताया कि पापा से रोजाना फोन पर बात होती थी। शनिवार रात भी 9 बजे बात हुई थी। वे फोन पर रोजाना घर-परिवार के बारे में जानकारी लेते थे। शनिवार रात भी उन्होंने फोन पर घरवालों के हालचाल पूछे और बेटे से कहा कि ड्यूटी एक बजे तक है। परिजनों को क्या पता था कि यह आखिरी बातचीत होगी। उनके एक बेटा व एक बेटी है। पिता की मौत की सूचना पर बेटी की तबीयत खराब हो गई, जिसका उपचार किया गया।