आज सुबह से ही रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर यात्रियों को टैक्सी नहीं मिलने के कारण कई यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
हड़ताल का नेतृत्व राजस्थान वाहन चालक संगठन और क्रांतिकारी टैक्सी यूनियन कर रहे हैं। यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि उनकी कई मांगें लंबे समय से अनसुनी की जा रही हैं। यूनियन की प्रमुख मांगों में न्यूनतम किराया तय करना, हर कैब कंपनी का स्थानीय ऑफिस होना, ड्राइवरों को बीमा और सुरक्षा सुविधा देना और बिना वाणिज्यिक परमिट के चल रही प्राइवेट नंबर प्लेट बाइक टैक्सियों पर रोक लगाना शामिल है।
प्रदर्शनकारी ड्राइवरों का कहना है कि ऐप कंपनियाँ मनमाने ढंग से किराए तय करती हैं, जिससे ड्राइवरों को उचित आय नहीं हो पाती। साथ ही प्राइवेट नंबर वाली बाइकों से ड्राइवरों की रोज़ी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है।
हालांकि ऑटो रिक्शा यूनियन ने इस हड़ताल से खुद को अलग रखा है। इधर हड़ताल कब तक जारी रहेगी, इसे लेकर कोई निश्चित घोषणा नहीं हुई है। लेकिन अगर मांगें नहीं मानी गईं तो यूनियन ने आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है।