नई प्रवेश नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य में सकल नामांकन अनुपात (GrossEnrollmentRatio – GER) को वर्ष 2035 तक 50 प्रतिशत तक पहुंचाना है, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी उच्च शिक्षा से जुड़ सकें। इस नीति को कॉलेज शिक्षा विभाग की वेबसाइट https://hte.rajasthan.gov.in पर देखा जा सकता है।
4 जून से शुरू होंगे ऑनलाइन आवेदन
राज्य के 663 राजकीय महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम वर्ष की कुल 2.52 लाख सीटों पर प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन 4 जून से शुरू होंगे। आवेदन की अंतिम तिथि 16 जून निर्धारित की गई है। वहीं, स्नातक तृतीय एवं पंचम सेमेस्टर तथा स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर में प्रवेश नवीनीकरण भी जून माह में होगा। सभी कक्षाएं 1 जुलाई 2025 से आरंभ होंगी।
सेमेस्टर प्रणाली का पूर्ण क्रियान्वयन
सत्र 2025-26 से प्रदेश के सभी कॉलेजों में स्नातक के त्रिवर्षीय पाठ्यक्रमों में पूर्णतः सेमेस्टर प्रणाली लागू कर दी गई है। इससे पाठ्यक्रम संचालन अधिक व्यवस्थित और गुणवत्तापूर्ण होगा। सेमेस्टर प्रणाली छात्रों को नियमित मूल्यांकन और आधुनिक शिक्षण पद्धति का अनुभव प्रदान करेगी।
डिफॉल्टर और कमजोर विद्यार्थियों के लिए राहत
नई नीति के तहत ऐसे विद्यार्थी जो फीस जमा न करने के कारण डिफॉल्टर हो जाते हैं, उन्हें अंतिम चरण में रिक्त सीटों पर पुनः प्रवेश का अवसर दिया जाएगा। साथ ही, जो छात्र अगली कक्षा में प्रमोट नहीं हो पाए हैं, उन्हें उसी या अन्य संकाय में अतिरिक्त सीटों पर प्रवेश मिल सकेगा। यह कदम विद्यार्थियों के शैक्षणिक भविष्य की सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत सराहनीय है।
चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रमों को भी मंजूरी
तीन वर्षीय पाठ्यक्रमों के साथ-साथ अब राज्य के विश्वविद्यालयों के प्रावधानों के अंतर्गत चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रमों में भी विद्यार्थियों को प्रवेश की अनुमति दी गई है। इससे विद्यार्थियों को व्यापक शैक्षणिक विकल्प उपलब्ध होंगे।
अंकतालिका और उम्र सीमा में लचीलापन
नई नीति के अनुसार, विद्यार्थी यदि मूल अंकतालिका प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, तो वे डिजिलॉकर या इंटरनेट से प्राप्त प्रमाणित अंकतालिका से भी प्रवेश आवेदन कर सकते हैं। साथ ही अब प्रवेश के लिए दो वर्षों के अंतराल की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। विद्यार्थी किसी भी उम्र में उच्च शिक्षा में प्रवेश ले सकेंगे, जिससे शिक्षा अधिक लचीली और सुलभ बनेगी।
सहरिया समुदाय के लिए बढ़ा आरक्षण
बारां जिले की किशनगंज और शाहबाद तहसीलों में निवास करने वाले सहरिया समुदाय को पहले केवल केलवाड़ा कॉलेज में 25% आरक्षण का लाभ मिलता था। अब यह लाभ जिले के सभी राजकीय महाविद्यालयों में लागू किया गया है।