बता दें कि सुनवाई में फोरम अध्यक्ष, मुख्य लेखा नियंत्रक आशुतोष जोशी और राजस्थान विद्युत नियामक आयोग के मनोनीत सदस्य उमाशंकर शर्मा मौजूद रहेंगे। चूंकि सब डिवीजन से लेकर विद्युत भवन में गठित निगम स्तरीय बिजली उपभोक्ता समस्या समाधान फोरम का प्रचार प्रसार ज्यादा नहीं है। यही वजह है कि तीन महीने में केवल 8 प्रकरण ही दर्ज हो सके।
समाधान की आखिरी उम्मीद
उपभोक्ता बिजली संबंधी शिकायतों को निगम स्तरीय फोरम में दर्ज करा सकते हैं। अगर फोरम में 45 दिन तक सुनवाई नहीं होती है तो उपभोक्ता समस्या के समाधान के लिए लोकपाल के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकता है। अगर फोरम से उपभोक्ता को राहत नहीं मिलती है तो लोकपाल उसे राहत दे सकता है।
प्रकरण ही अपलोड नहीं
जिस दिन फोरम में प्रकरणों की सुनवाई होती है, उससे एक दिन पहले सभी प्रकरण डिस्कॉम की वेबसाइट पर अपलोड करने का प्रावधान है। जोधपुर डिस्कॉम प्रबंधन इस प्रावधान की पालना कर रहा है। लेकिन पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि सोमवार शाम तक सुनवाई वाले प्रकरणों को डिस्कॉम की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया।
45 दिन में प्रकरण की सुनवाई का प्रावधान है और फोरम की बैठकें निर्धारित समय पर ही होती हैं। इस बार 90 प्रतिशत प्रकरण जून में दर्ज हुए हैं और बैठक जुलाई में हो रही है।
-टीसी सिंघल, अधिशासी अभियंता, कॉमर्शियल विंग-विद्युत भवन, जयपुर डिस्कॉम