तोड़ी जाएंगी सैकड़ों दुकानें! जयपुर की इन सड़कों पर जमकर अतिक्रमण, ध्वस्तीकरण के लिए चल रही अंदर से तैयारी
शहरी विकास विभाग के विशेषज्ञों और अधिकारियों का मानना है कि जेडीए और अन्य नगर निकायों को शहर की सभी प्रमुख सड़कों को चौड़ा करने के लिए अतिक्रमण हटाना चाहिए। उनका कहना है कि शहर के मास्टर प्लान के अनुसार, लगभग सभी प्रमुख सड़कों पर अतिक्रमण है।
जयपुर में दुकानों को ध्वस्त करता बुलडोजर (फोटो-पत्रिका)
जयपुर। शहर के भीतर लगातार जाम की स्थिति से निपटने के लिए JDA लगातार ध्वस्तीकरण अभियान चला रहा है। सड़क पर स्थायी और अस्थाई अवैध कब्जों को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया जा रहा है। विशेजषज्ञों का कहना है कि अगर ध्वस्तीकरण का काम नहीं किया गया, स्थिति सुधरने वाली नहीं है। ऐसे में शहर की कई सड़कों को चिन्हित किया गया है।
अतिक्रमण वाली सूची में सिरसी रोड का एक हिस्सा भी शामिल है। हटवाड़ा रोड तिराहा से शुरू होकर टैंक रोड तिराहा तक का इलाका, जिसमें हसनपुरा क्षेत्र शामिल है। इसके अलावा अजमेर रोड, सिरसी रोड, कालवाड़ रोड, महल रोड, अर्जुन नगर में 80-फीट रोड, गोपालपुरा बाईपास रोड और झालाना बाईपास पर अतिक्रमण हैं।
इन दिनों शहर के कई इलाकों में ध्वस्तीकरण अभियान चल रहा है, ऐसे में सड़क के किनारे अतिक्रमण करके बैठे दुकानदारों में भय का माहौल है। प्रशासन लगातार इलाकों को चिन्हित करके एक्शन ले रहा है। ऐसे में अब ये इलाके भी रडार पर हैं। इन इलाकों को अतिक्रमण की सूची में शामिल कर लिया गया है। ऐसे में अब इन इलाकों में भी सड़क खाली कराने का काम शुरू हो सकता है।
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मास्टर प्लान के हिसाब से सड़कें पतली
जयपुर आयुक्तालय के एक वरिष्ठ यातायात अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर मीडिया से कहा कि आप शहर की किसी भी प्रमुख सड़क का नाम लें, आप पाएंगे कि सड़कों पर अतिक्रमण है और उनकी चौड़ाई जेडीए के मास्टर प्लान से बहुत कम है। शहर में वाहनों की बढ़ती संख्या अब इन पतली सड़कों पर नहीं समा रही है। इन सड़कों पर को तुरंत खाली कराने की जरूरत है।
विभागों में समन्वय नहीं होने की वजह से समस्या
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये समस्याएं जेडीए, अन्य नागरिक निकायों और राज्य सरकार के अन्य विभागों के साथ समन्वय की कमी के कारण होती हैं। जबकि जेडीए संपत्तियों के आकार और सीमाओं को निर्धारित करता है, नगर निगम और कुछ अन्य संबंधित विभाग इन प्रतिष्ठानों को लाइसेंस जारी करते हैं।
ध्वस्तीकरण के दौरान दुकान दिखाते हैं वैध लाइसेंस
एक अधिकारी ने बताया कि “यह देखा गया है कि जब भी अतिक्रमण विभाग ध्वस्तीकरण अभियान के लिए जाता है, तो दुकानदार उन्हें वैध लाइसेंस दिखाते हैं और दावा करते हैं कि उनकी संरचनाएं ‘कानूनी’ हैं। इसका परिणाम कानूनी लड़ाई में चला जाता है। ऐसे में विभाग के पास अदालत के निर्देश के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। इसी क्रम में सिरसी रोड पर कोर्ट के आदेश के बाद ध्वस्तीकरण अभियान संभव हो पाया।