यादव ने जयपुर स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 12वें क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम के कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा 250 साल पहले हुई औद्योगिक क्रांति के बाद अब सर्कुलर इकोनॉमी व्यापार में बड़े परिवर्तन लाएगी। कई देशों में वेस्ट का पुन: इस्तेमाल कर कमाई की जा रही है। भारत में भी इस ओर ध्यान दिया जा रहा है।
350 इकाइयों में रोजाना 45 लाख मीट्रिक टन वेस्ट का प्रोसेस यादव ने कहा कि प्लास्टिक वेस्ट, ई-वेस्ट, कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट के लिए नई गाइडलाइंस तैयार की गई है। दस सेक्टर्स के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। पहले वेस्ट को लैंडफिल या समुद्र में डंप किया जाता था, अब 350 से ज्यादा रीसाइक्लिंग यूनिट में हर साल करीब 45 लाख मीट्रिक टन वेस्ट प्रोसेस किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा कि हर साल विश्व सर्कुलर इकोनॉमी फोरम का आयोजन किया जाता है, भारत ने 2026 में मेजबानी की इच्छा व्यक्त की है।
वेस्ट टू वेल्थ पोर्टल का शुभारंभ सत्र के दौरान स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) वेस्ट टू वेल्थ पीएमएस पोर्टल का शुभारंभ हुआ, वहीं अपशिष्ट से बिजली बनाने, बायोमेथेनेशन और बायोरेमेडिएशन सहित एमएसडब्ल्यू प्रसंस्करण के लिए रेफरेंस गाइड का विमोचन किया। फोरम के दूसरे दिन कचरा प्रबंधन में वैज्ञानिक सहयोग बढ़ाने के लिए काउन्सिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के बीच मेमोरेंडम ऑफ अन्डरस्टैंन्डिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, वहीं ‘इंडियाज सर्कुलर सूत्र: अ कम्पेनडियम ऑफ बेस्ट प्रैक्टिसेज इन 3आर एंड सर्कुलर इकोनॉमी’ का विमोचन भी किया।