मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि “दुग्ध उत्पादन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है” और राज्य सरकार इसके संवर्द्धन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। पशुपालकों को प्रोत्साहन देने के लिए बजट में समुचित प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री स्वयं किसान पृष्ठभूमि से हैं, इसलिए वे किसानों की समस्याओं को गहराई से समझते हैं और उनके समाधान के लिए तत्पर रहते हैं।
जनसुनवाई बनी किसानों की आवाज
मुख्यमंत्री की जनसुनवाई अब आमजन के लिए आशा की किरण बन गई है। हजारों लोग अपनी समस्याएं लेकर जनसुनवाई में पहुंचते हैं और मौके पर ही उनका समाधान किया जा रहा है। स्वास्थ्य, शिक्षा, पेंशन, पेयजल, परिवहन सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रकरणों को त्वरित रूप से सुलझाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि परिवादियों को शीघ्र राहत दी जाए तथा कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाए।
4.5 लाख किसान-पशुपालकों को मिला योजना का लाभ
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत कुछ माह से अटकी हुई अनुदान राशि के मामले में मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता फिर सामने आई। जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के सदस्यों ने जनसुनवाई में यह मुद्दा उठाया, जिस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी बकाया अनुदान राशि का शीघ्र भुगतान किया जाए। इसके फलस्वरूप लगभग 4.5 लाख किसान-पशुपालकों के खातों में सीधे अनुदान राशि का हस्तांतरण कर दिया गया। किसानों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भजनलाल जी किसान हितैषी निर्णयों में अग्रणी हैं और हर परिस्थिति में किसानों के साथ खड़े रहते हैं।
आत्मनिर्भर राजस्थान की ओर मजबूत कदम
मुख्यमंत्री के इन निर्णयों से ‘आत्मनिर्भर राजस्थान’ के सपने को नई गति मिली है। राज्य सरकार की प्राथमिकता में किसान, श्रमिक, युवा और ग्रामीण समाज का सर्वांगीण विकास है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश सरकार समृद्ध, सशक्त और खुशहाल राजस्थान के निर्माण की दिशा में प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।