केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक्स पर लिखा कि ‘तेज रफ्तार डबल इंजन सरकार: जोधपुर से नागौर और बीकानेर की यात्रा होगी सुगम और सुरक्षित! माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि नागौर से जोधपुर खंड तक 87.63 किमी की दूरी को पेव्ड शोल्डर के साथ 4 लेन की सड़क के रूप में अपग्रेड किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस हेतु 787.33 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। यह परियोजना 6.55 किमी लंबे प्रस्तावित बाईपास के जरिए बावड़ी शहर सहित समस्त खंड के लिए बहुपयोगी होने वाली है। इससे निश्चित ही यातायात में सुगमता आएगी और दुर्घटनाओं से सुरक्षा मिलेगी अपितु क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी इससे शानदार रफ्तार मिलेगी।
एक्स पर पोस्ट कर दी जानकारी
नितिन गडकरी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि ‘राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग-62 के नागौर बाईपास से नेत्रा गांव तक (नागौर-नेत्रा पैकेज I & II) 87.63 किमी लंबे हिस्से को पेव्ड शोल्डर के साथ 4-लेन में चौड़ीकरण के लिए 787.33 करोड़ रुपये की लागत के साथ स्वीकृति दी गई है।’ उन्होंने लिखा कि ‘राष्ट्रीय राजमार्ग-62 का नागौर-खिमसर-सोयला-नेत्रा खंड (87 किलोमीटर) पेव्ड शोल्डर के साथ 2-लेन का है, जब कि नेत्रा से मंडोर खंड (जोधपुर) पहले से ही 4-लेन का है। नागौर से जोधपुर खंड पर 16,000 पीसीयू से अधिक औसत दैनिक यातायात को ध्यान में रखकर, इस 87 किमी के हिस्से को बढ़ते यातायात और सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को समायोजित करने के लिए पेव्ड शोल्डर के साथ 4-लेन की सड़क में अपग्रेड किया जा रहा है।’
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ‘यह परियोजना 6.55 किमी लंबे प्रस्तावित बाईपास के माध्यम से बावड़ी शहर सहित पूरे खंड के यातायात को कम करने में मदद करेगी। साथ ही खिमसर के चूना खनन क्षेत्रों के साथ-साथ नागौर जिले के सीमेंट उद्योगों को भी बेहतर संपर्क प्रदान करेगी तथा क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।’
CM भजनलाल ने जताया आभार
सीएम भजनलाल शर्मा ने यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार जताते हुए कहा कि ‘राजस्थान में सड़क कनेक्टिविटी को उत्कृष्ट बनाने की दिशा में भारत सरकार द्वारा राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग-62 के नागौर बाईपास से नेत्रा गांव तक (नागौर-नेत्रा पैकेज I एवं II) 87.63 किलोमीटर लंबे हिस्से को पेव्ड शोल्डर के साथ 4-लेन में चौड़ीकरण के लिए 787.33 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय ऐतिहासिक है।