जल संसाधन विभाग द्वारा जुलाई माह तक निर्माण कार्य पूर्ण कराने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इससे आगामी मानसून के दौरान बांध में जल संग्रहित किया जा सकेगा। इसके बाद दौसा के 1079 ग्राम व 5 शहरों तथा सवाई माधोपुर के बौंली शहर तथा 177 ग्रामों व एक शहर में पेयजल की सुचारू आपूर्ति हो सकेगी।
यह परियोजना जलसंकट समाधान के साथ-साथ बीसलपुर बांध के अधिशेष पानी और बनास नदी के बारिश के जल का कुशल प्रबंधन भी सुनिश्चित करेगी। साथ ही, ईसरदा बांध से राम जल सेतु लिंक परियोजना (संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी लिंक परियोजना) के तहत रामगढ़ बांध, बुचारा, छितोली इत्यादि बांधों में पेयजल के लिए आपूर्ति हो सकेगी। इससे बांधों के आसपास के क्षेत्र एवं जयपुर जिले को भी पानी मिल सकेगा।
ईसरदा बांध बीसलपुर बांध के डाउनस्ट्रीम में ग्राम बनेठा (तहसील उनियारा जिला टोंक) के पास बनास नदी पर बनाया जा रहा है। इसका निर्माण दो चरणों में किया जाना निर्धारित है। प्रथम चरण में डैम का निर्माण पूर्ण भराव स्तर आरएल 262.0 मी (भराव क्षमता 10.77 टीएमसी) तक पूर्ण किया जाएगा। इसमें पानी का भंडारण आरएल 256.0 मी भराव क्षमता (3.24 टीएमसी) तक ही किया जाना है। द्वितीय चरण में बांध में पूर्ण भराव क्षमता आरएल 262.0 मीटर तक पानी संग्रहित हो सकेगा। परियोजना के प्रथम चरण की संशोधित प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति 1038.65 करोड़ रुपए की दी गई, जिससे कार्य प्रगतिरत है।
बांध निर्माण कार्य की प्रगति
बांध निर्माण में ओवर फ्लो वाले भाग में स्पिलवेय ब्रिज में स्लैब निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। अभी तक 28 के विरूद्ध 28 स्लैब डाली जा चुकी है। साथ ही, 28 पियर्स के विरूद्ध 28 पियर्स वांछित ऊंचाई तक पूर्ण किए जा चुके हैं। बांध में 84 गर्डर के विरूद्ध 84 गर्डर लॉन्च किए गए है। बांध में 28 ब्लॉक एप्रेन के विरूद्ध 22 ब्लॉक एप्रेन का निर्माण किया जा चुका है। बांध में 28 पावर पैक रूम के विरूद्ध 28 में पावर पैक रूम और 28 रेडियल गेट विरूद्ध 28 रेडियल गेट का निर्माण हो गया है। बांध में 56 हाईड्रोलिक सिंलेडर के विरूद्ध 56 हाईड्रोलिक सिंलेडर भी लगाए जा चुके हैं। मिट्टी के बांध का कार्य लगभग 82.08 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। मुख्य बांध का कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।
भूजल स्तर बढ़ने से रिचार्ज होंगे कुंए भी
‘मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में विभाग हर दिशा में पेयजल जल उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। ईसरदा बांध परियोजना से ग्रामीण और शहरी जनसंख्या के लिए सुरक्षित पेयजल सुविधा की परिकल्पना साकार होगी। गांवों में भूजल स्तर बढ़ने से कुंए भी रिचार्ज होंगे।’ – सुरेश सिंह रावत, जल संसाधन मंत्री।