गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार बुजुर्गों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए पूरी तरह संकल्पित है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा वृद्ध कल्याण योजना, भक्त श्रवण कुमार सेवा आश्रम, स्वयंसिद्धा आश्रम, मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह सहित कई जनोपयोगी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनसे हजारों वरिष्ठजन लाभान्वित हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में अन्य विभाग भी बुजुर्गों के कल्याण के लिए आगे आए हैं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, देवस्थान विभाग, परिवहन निगम, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग समेत अनेक संस्थाएं बुजुर्गों की सेवा में जुटी हुई हैं।
कार्यशाला के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव कुलदीप रांका ने भी बुजुर्गों के अकेलेपन और सामाजिक बदलावों पर चिंता जताते हुए उन्हें सक्रिय, आत्मनिर्भर और स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की सलाह दी। इस कार्यशाला में नामचीन मनोवैज्ञानिकों, योग प्रशिक्षकों, आहार विशेषज्ञों, सायबर सेल और पुलिस अधिकारियों द्वारा बुजुर्गों को विभिन्न पहलुओं पर उपयोगी जानकारी दी गई। सत्रों में योग व ध्यान, मानसिक स्वास्थ्य, निवारक देखभाल, पोषण, सामाजिक सुरक्षा, वरिष्ठ नागरिकों के प्रति दुर्व्यवहार की रोकथाम, समय प्रबंधन, वित्तीय योजना और डिजिटल साक्षरता जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
कार्यशाला ने वरिष्ठ नागरिकों को न केवल जागरूक किया बल्कि उन्हें समाज में सशक्त भूमिका निभाने के लिए प्रेरित भी किया।