गहलोत ने यह प्रतिक्रिया राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित समाचार प्रदेश में बजरी माफिया का ताडंव शीर्षक से प्रकाशित समाचार पर दी है। उन्होंने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर दी। उन्होंने लिखा –”ऐसा लगता है बजरी माफिया के सामने राजस्थान की भाजपा सरकार ने पूरी तरह सरेंडर कर दिया है या फिर सरकार के नुमाइंदों की बजरी माफिया से मिलीभगत इतनी बढ़ गई है कि रोज जा रही इन जानों का भी कोई मूल्य नहीं रह गया है। बजरी माफिया व्यापारी, पुलिस, प्रशासन किसी पर भी हमला करने से नहीं चूक रहे पर पुलिस, प्रशासन और सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।”
प्रशासन और पुलिस पर भी उठाए सवाल
गहलोत ने अपने बयान में न केवल सरकार बल्कि पुलिस और प्रशासन को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बजरी माफिया का आतंक अब इस हद तक बढ़ चुका है कि वे व्यापारियों, पुलिसकर्मियों और अधिकारियों तक पर हमले करने लगे हैं, लेकिन राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह असहाय बनी हुई है।
प्रदेश में कानून व्यवस्था पर चिंता
पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान उस समय आया है जब प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बजरी माफिया की हिंसा के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हाल के दिनों में बजरी को लेकर कई हत्याएं, हमले और फायरिंग की घटनाएं हुई हैं, जिससे आम नागरिकों में भय का माहौल है। गहलोत ने सरकार से सवाल पूछा है कि क्या अब आम जनता की जान की कोई कीमत नहीं बची? और क्या माफिया तंत्र को खुली छूट देने की नीति अपनाई जा रही है?