इस मामले में अब तक करीब 50 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ कि परीक्षा में डमी कैंडिडेट बैठाने, पेपर लीक करने और पैसे लेकर पास कराने जैसे गंभीर अनियमितताएं की गईं। एसओजी ने कई दलालों, प्रशिक्षु एसआई और अन्य आरोपियों को पकड़ा है।
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दावा किया है कि परीक्षा की पूरी प्रक्रिया में निष्पक्षता का पालन नहीं हुआ और बड़े पैमाने पर धांधली हुई। उनका कहना है कि यह भर्ती हजारों मेहनती युवाओं के भविष्य के साथ अन्याय है। इसलिए पूरी परीक्षा प्रक्रिया रद्द की जाए और दोबारा निष्पक्ष तरीके से परीक्षा कराई जाए।
वहीं सरकार ने कहा कि सिर्फ कुछ लोगों की गड़बड़ी के आधार पर पूरी भर्ती को खारिज करना सही नहीं होगा। अगर कोर्ट ऐसा आदेश देगा तो ईमानदारी से परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी बर्बाद हो जाएंगे। कोर्ट की आज की सुनवाई इस पूरे मामले में बेहद अहम मानी जा रही है। हाईकोर्ट का फैसला इस भर्ती की वैधता और भविष्य दोनों को तय करेगा। भर्ती रद्द होगी या नहीं, इस पर हजारों उम्मीदवारों की नजरें टिकी हैं।