ये सुविधाएं की जा रही है विकसित
जयपुर जंक्शन कोच डिपो 31.14 करोड़ रुपए की लागत से इस डिपो का निर्माण कार्य जारी है। यह पूरी तरह से कवर्ड शेड होगा, जिसमें 24 घंटे मेंटीनेंस कार्य संभव होगा। यहां पर कई अत्याधुनिक तकनीकों से मेंटीनेंस कार्य किए जाएंगे। इसे खासकर वंदेभारत ट्रेन के लिए ही बनाया जा रहा है। साथ ही, यहां आधुनिक इक्विपमेंट और वायरिंग टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध होगी।Rajasthan News : पंचायतीराज विभाग का नया आदेश, निवर्तमान सरपंच हटे तो ये संभालेगा प्रशासक की जिम्मेदारी
खातीपुरा कोच केयर कॉम्पलेक्स यह 250 करोड रुपए की लागत से बनाया जा रहा है। यहां भी अत्याधुनिक मेंटेनेंस सेंटर होगा। इसमें भी वंदे भारत, डेमो और मेमू ट्रेनों की मॉनिटरिंग और देख-रेख का कार्य होगा। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह डिपो जयपुर मंडल को रेलवे टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनाएगा। खास बात यह है कि भविष्य में खातीपुरा स्टेशन से काफी संख्या में ट्रेनों का परिसंचालन शुरू किए जाने की योजना है। उसे स्थिति में यह काफी उपयोगी साबित होगा।राजस्थान में सरकारी डॉक्टर बनने की बढ़ी दीवानगी, एक पद के लिए 11 दावेदार, जानें क्या है माजरा
इन शहरों में बनेंगे मेंटीनेंस डिपो
जोनल रेलवे में जयपुर मंडल के अलावा, राजस्थान के अन्य शहरों में भी रेलवे मेंटीनेंस सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। रेलवे के मुताबिक, अजमेर, जोधपुर, श्रीगंगानगर और उदयपुर में भी वंदेभारत ट्रेनों के लिए नए मेंटीनेंस डिपो बनाए जा रहे हैं।राजस्थान में ग्राम पंचायत के पुनर्गठन पर नया अपडेट, पंचायतीराज विभाग ने जारी की नई गाइडलाइन
यात्री और रेलवे दोनों को होगा लाभ – सीनियर डीसीएम
जयपुर मंडल के सीनियर डीसीएम के के मीणा के अनुसार इन डिपो के शुरू होने से ट्रेनों की समय पर उपलब्धता हो सकेगी। मेंटीनेंस लोकल स्तर पर होने से ट्रेनों की मरम्मत और तैयार होने में कम समय लगेगा। साथ ही, यात्रियों के लिए सुविधाएं बेहतर होंगी। ट्रेनों की मेंटीनेंस क्वालिटी भी बेहतर होगी, जिससे सफर आरामदायक और सुरक्षित बनेगा।राजस्थान में पुराने ढर्रे पर आई नई आबकारी नीति, अब शराब ठेकेदारों की फिर बढ़ेगी मोनोपॉली
जल्द ही रेलवे मेंटीनेंस का प्रमुख केंद्र बनेगा जयपुर – कैप्टन शशिकिरण
जयपुर जल्द ही रेलवे मेंटीनेंस का एक प्रमुख केंद्र बन जाएगा। ये दोनों आधुनिक मेंटीनेंस डिपो सिर्फ ट्रेनों के रखरखाव के लिए ही नहीं, बल्कि रेलवे के भविष्य को और मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होंगे। इससे रेलवे के परिचालन में बदलाव देखने को मिलेगा।कैप्टन शशिकिरण, सीपीआरओ, उत्तर पश्चिम रेलवे