दरअसल, एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में विधायक जयदीप बिहानी ने कहा कि घरेलू मैदान पर राजस्थान रॉयल्स को आखिरी ओवर में सिर्फ 9 रन चाहिए थे, फिर भी वे हार गए, जो समझ से परे है और संदेहास्पद लगता है। उन्होंने बताया कि 2013 में टीम के कुछ खिलाड़ी स्पॉट फिक्सिंग में फंसे थे और फ्रेंचाइजी के मालिक राज कुंद्रा पर सट्टेबाजी के आरोप लगे थे, जिसके चलते राजस्थान रॉयल्स को 2016 और 2017 के सीजन के लिए निलंबित कर दिया गया था।
बताते चलें कि बिहानी ने लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के खिलाफ राजस्थान रॉयल्स के घरेलू मैच पर फिक्सिंग का आरोप लगाया था, जिसमें आरआर की टीम सिर्फ 2 रन से मैच हार गई थी। 181 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए राजस्थान की टीम शुरू से ही जीत की स्थिति में थी, लेकिन आखिरी ओवर में वे 9 रन नहीं बना सके थे।
राजस्थान रॉयल्स ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
अब इस पूरे मामले पर अब राजस्थान रॉयल्स की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है। राजस्थान रॉयल्स ने कहा है कि जयदीप बिहानी के सभी बयान निराधार व झूठे हैं। फ्रेंचाइजी ने खेल परिषद के अध्यक्ष नीरज के पवन, मुख्यमंत्री और खेल मंत्री के नाम पत्र लिखा है। फ्रेंचाइजी ने पत्र में लिखा है कि भविष्य में RCA कन्विनर जयदीप बिहानी के ऐसे बयान को रोकने के लिए जरूरी कार्रवाई की जाए। आरआर ने कहा है कि इस तरह के बयानों से न केवल फ्रेंचाइजी बल्कि बीसीसीआई और राजस्थान खेल परिषद की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचता है। राजस्थान रॉयल्स ने एक औपचारिक पत्र में कहा कि हम आरसीए के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा दिए गए प्रत्येक बयान और संदर्भित मीडिया रिपोर्ट की सामग्री का स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं और उन पर कड़ी आपत्ति जताते हैं।
राजस्थान रॉयल्स ने कहा कि ये सार्वजनिक आरोप प्रतिष्ठा को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं, अनावश्यक विवाद को बढ़ावा देते हैं और जनता को गुमराह करने का प्रयास करते हैं. वे रॉयल मल्टीस्पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (‘आरएमपीएल’), आरआर फ्रैंचाइजी, आरएसएससी, बीसीसीआई और क्रिकेट के खेल की विश्वसनीयता को भी कम करने का काम करते हैं’।
इसके अतिरिक्त, अनुबंध की शर्तों और बीसीसीआई के निर्देशों के अनुसार, हमें राज्य संघ और राज्य सरकार के साथ सहयोग करना है। आरएमपीएल ने पिछले 18 वर्षों से यह कार्य सफलतापूर्वक किया है। बीसीसीआई ने पुष्टि की है और मंजूरी दी है कि आरएसएससी को जयपुर में आईपीएल मैचों की मेजबानी का अधिकार है। फ्रेंचाइजी एक सफल आईपीएल सीजन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के मार्गदर्शन और समर्थन के साथ बीसीसीआई और आरएसएससी के साथ मिलकर काम कर रही है।
क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष नीरज के पवन क्या कहा?
राजस्थान क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष नीरज के. पवन ने स्पष्ट किया कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) किसी भी तरह से सहयोग नहीं कर रहा है। उन्होंने विधायक के आरोपों को निराधार बताया। नीरज के. पवन ने कहा कि राजस्थान रॉयल्स पर मैच फिक्सिंग के आरोपों की जांच राजस्थान स्पोर्ट्स काउंसिल नहीं कर सकती, यह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का कार्यक्षेत्र है, जिसके लिए बीसीसीआई ने एक विशेष निगरानी समिति भी गठित की है।
उन्होंने आगे कहा कि यदि एडहॉक समिति के पास फिक्सिंग से संबंधित कोई सबूत है, तो वे इसे राजस्थान स्पोर्ट्स काउंसिल या सीधे बीसीसीआई को सौंप सकते हैं। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के संसाधनों और मैनपावर के उपयोग के भुगतान का निर्णय राजस्थान स्पोर्ट्स काउंसिल नहीं, बल्कि राजस्थान रॉयल्स प्रबंधन द्वारा लिया जाएगा।
बताते चलें कि जयपुर में हुए आईपीएल मैच में आरसीए एड हॉक कमेटी के संयोजक जयदीप बियानी ने जो फिक्सिंग के आरोप लगाए, उसमें प्रदेश सरकार के सबसे बड़े अधिकारी यानी मुख्यसचिव ख़ुद परिवार के साथ मौजूद थे, बताया जा रहा है कि अब ये मामला बीसीसीआई तक पहुंच गया।