Jail Guard Paper Leak Case : टीसीएस मैनेजर ने 60 लाख रुपए में बेचा था जेल प्रहरी का पेपर, 3 आरोपियों को नोएडा, देहरादून व चेन्नई से पकड़ा
Jail Guard Paper Leak Case : जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा 2018 का पेपरलीक करने के मामले में एसओजी ने परीक्षा कराने वाली कंपनी टाटा टेलीकॉम सर्विसेज के तत्कालीन प्रोजेक्ट मैनेजर व उसके दोस्त सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
Jail Guard Paper Leak Case : जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा 2018 का पेपरलीक करने के मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने परीक्षा कराने वाली कंपनी टाटा टेलीकॉम सर्विसेज (टीसीएस) के तत्कालीन प्रोजेक्ट मैनेजर व उसके दोस्त सहित तीन लोगों को सोमवार को गिरफ्तार किया है। मैनेजर ने अपने इंजीनियर दोस्त के मार्फत दलाल को 60 लाख रुपए में भर्ती परीक्षा का पर्चा बेचा था।
एटीएस-एसओजी के एडीजी वी.के. सिंह ने बताया कि मूलत: झारखण्ड के मैनिफीट जमशेदपुर तथा मौजूदा उत्तरप्रदेश निवासी प्रोजेक्ट मैनेजर जगजीत सिंह को नोएडा से व मूलत: झारखण्ड स्थित बिरसा नगर हाल देहरादून निवासी उसके दोस्त करण कुमार भूमिहार को देहरादून से गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद इनके तीसरे साथी हरियाणा निवासी इंजीनियर देव वृत्त को चेन्नई से गिरफ्तार किया। जयपुर में गिरफ्तार किए करण को न्यायालय ने जेल भेज दिया। वहीं आरोपी जगजीत को 12 दिन रिमांड पर एसओजी के सुपुर्द किया। एसओजी की टीम आरोपी देव वृत्त को सोमवार रात जयपुर लेकर पहुंची। यह परीक्षा सरदार पटेल यूनिवर्सिटी जोधपुर ने करवाई थी इसे कराने का ठेका टीसीएस कंपनी को दिया था।
ऐसे हुआ था खुलासा
एसओजी को सूचना मिली कि 28 अक्टूबर 2018 को होने वाली परीक्षा से पहले ही उत्तरकुंजी आर्य कॉलेज कूकस में परीक्षार्थी ओमवीर व राधेश्याम को प्राप्त हो गई है। इस पर टीम ने दोनों आरोपियों को पकड़कर पूछताछ की उनके मोबाइल में उत्तरकुंजी मिल गई। ओमवीर ने बताया कि उसने 5.50 लाख रुपए में श्रीराम से पेपर मंगवाए और रामसिंह नाम के व्यक्ति ने परीक्षा होने से पहले वाली रात 3 बजे उत्तर कुंजी भेजी। राधेश्याम के मोबाइल की जांच की तो उसको जय स्वामी नाम के व्यक्ति ने उत्तर कुंजी भेजी थी। कम्प्यूटर आधारित परीक्षा प्रणाली में सेंध लगाकर प्रश्न पत्र प्राप्त कर उसे हल किया गया। इसके बाद पेपर लेने वाले परीक्षार्थियों व गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार करते हुए एसओजी की टीम संदीप कादियान तक पहुंची थी।
मामले के सामने आते ही 10 व्यक्ति गिरफ्तार किए जा चुके थे। लेकिन एसआइटी बनने के बाद 7 आरोपी और गिरफ्तार किए गया। एसआइटी ने जांच में अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाने वालों तक पेपर पहुंचाने वाले हरियाणा निवासी संदीप कादियान को गिरफ्तार किया। संदीप ने पूछताछ में बताया कि उसके पास पेपर भेजने वाले का मोबाइल नंबर और ई-मेल है। तकनीकी टीम की मदद से आरोपी संदीप को पेपर भेजने वाले करण कुमार का नाम सामने आया। गिरफ्तारी के बाद उसने बताया कि जगजीत सिंह व देव वृत्त के कहने पर दलाल संदीप कादियान से 60 लाख रुपए में पेपर बेचने का सौदा तय किया था। इसके बाद टीम ने जगजीत सिंह को पकड़ा।
आरोपी प्रोजेक्ट मैनेजर जगजीत सिंह के साथ करण कुमार स्कूल में पढ़ता था। बाद में करण कुमार इंजीनियरिंग करने चला गया और जगजीत सिंह पुणे में इंजीनियरिंग करने चला गया। पुणे में उसने देव वृत्त के साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। उसने देव वृत्त के जरिए करण को भर्ती परीक्षा का पेपर उपलब्ध करवाया था।
नीमराणा व कोटपूतली में कई अभ्यर्थियों के साथ पेपर परीक्षा से पहले पढ़ाया गया। परीक्षा से पहले पेपर पढ़कर चयन होने वाले तीन जेल प्रहरियों को भी गिरफ्तार किया गया था। एसओजी ने दौसा जेल के प्रहरी हरेन्द्र सिंह गुर्जर, बहरोड कारागार के प्रहरी दीपक मेहता व उप कारागार कोटपूतली के योगेश कुमार को भी गिरफ्तार किया था।
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