Jaipur Fire Incident: जयपुर के भांकरोटा अग्निकांड में अब तक 11 लोग दम तोड़ चुके हैं, वहीं 30 से ज्यादा घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक 30 के आसपास मरीजों का इलाज चल रहा है। इन घायलों में 20 से अधिक मरीज 50 प्रतिशत से अधिक झुलसे हुए हैं। इन सभी मरीजों की हालात गंभीर बताई जा रही है। बता दें, मरने वालों और घायलों की पहचान करना भी मुश्किल हो रहा है, क्योंकि चेहरे बहुत बुरी तरह झुलस गए हैं।
हादसे के एक चश्मदीद ने बताया कि जहां हादसा हुआ है, वहां सड़क पर गलत कट दिया गया है। इसी कट की वजह से हादसा हुआ है। यहां पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। कुछ दिन पहले भी एक दुर्घटना इसी जगह पर हुई थी। उसमें भी गैस टैंकर था। अगर उस घटना से सीख ले ली गई होती तो फिर आज का हादसा ना होता।
हादसे के बाद सुलग रहे ये 10 सवाल-
भांकरोटा अग्निकांड के बाद सरकार, प्रशासन और NHAI के सामने सवाल भी खड़े हो गए हैंपहला सवाल- इस प्रकार के ज्वलनशील (गैस, पैट्रोल, सीएनजी, डीजल आदी) टैंकर्स के लिए सड़क पर अलग लेन की व्यवस्था कब से होगी?
दूसरा सवाल- स्कूल के सामने इतना खतरनाक यू टर्न क्यों दिया गया? तीसरा सवाल- इस यू टर्न पर साइन बोर्ड क्यों नहीं लगाया गया है? चौथा सवाल- अजमेर से आने वाले साधनों के लिए रिंग रोड़ पर चढ़ने के लिए माकूल व्यवस्था क्यों नहीं है?
पांचवा सवाल- इस कट पर ट्रैफिक लाइटें क्यों खराब पड़ी थी? छठा सवाल- सामने स्कूल होने के बावजूद इस यू टर्न के आसपास दोनों दिशाओं में कोई स्पीड ब्रेकर क्यों नहीं था? सातवां सवाल- कई सालों से चर्चा में होने के बाद भी NHAI ने इसकी सुध क्यों नहीं ली?
आठवां सवाल- रोजाना इस कट की वजह से भारी जाम लगता है फिर भी प्रशासन क्यों नहीं जागा? नवां सवाल- डिप्टी सीएम भी इस सड़क पर जाम की वजह से कई बार फंस चुके हैं, उनकी विधासभा भी इसी रास्ते से गुजरती है, फिर भी इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया गया?
दसवां सवाल- प्रशासन और सरकार ऐसे हादसों के बाद ही क्यों जागते हैं? लापरवाहों पर हादसों के बाद ही कार्रवाई होती है, पहले क्यों नहीं होती है?
CCTV फुटेज में सामने आई वजह
घटनास्थल से सामने आए CCTV फुटेज में देखा जा रहा है कि भांकरोटा में DPS स्कूल के सामने LPG से भरा टैंकर टैंकर यू-टर्न ले रहा था, यह टैंकर अजमेर की तरफ से जयपुर आ रहा था। इस दौरान जयपुर की ओर से आ रहे ट्रक ने गैस के टैंकर के नोजल में टक्कर मार दी, फिर नोजल से करीब 18 टन गैस हवा में फैल गई और 200 मीटर का एरिया गैस का चैंबर बन गया। टक्कर के बाद आग और धुंए का बादल छा गया। इसके कुछ सेकेंड बाद ही टैंकर में जोरदार धमाका हुआ और आसपास के गाड़ियों में आग फैल गई।
वहीं, SMS अस्पताल प्रशासन ने बताया कि पहले दो-तीन मरीज आए थे, इसके बाद अचानक बहुत सारे मरीज लाए गए। इनमें 5 की पहले ही मौत हो चुकी थी। SMS मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर आरके जैन ने घायलों और मृतकों का ब्यौरा दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे पास बर्न वार्ड में 32 मरीज भर्ती हुए थे, 15 मरीज ऐसे थे, जो 50% से ज्यादा झुलसे थे जिनमें से 5 की मौत हो गई और 5 लोगों के शव लाए गए थे, वहीं 1 की मौत जयपुरिया हॉस्पिटल में हुई। इस हादसे में करीब 40 वाहन आग की चपेट में आए, जिनमें 29 ट्रक, 2 यात्री बसें, 2 गैस टैंकर, 3 कारें, 3 मोटरसाइकिल और दो पिकअप वाहन शामिल हैं।