तस्कर चोरी की गाड़ी खरीदने और तस्करी के मामले में पकड़े जाने के डर से पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज करवाने से बचते थे। लेकिन जयपुर में कार किराए से देने वाले व्यक्ति की सूझबूझ से गैंग पकड़ी गई। डीसीपी (वेस्ट) अमित कुमार ने बताया कि झुंझुनूं के विवेक नगर किसान कॉलोनी निवासी हरेन्द्र सिंह राठौड़ और डेगाना के राजोत स्थित चक ढाणी निवासी श्रवण कुमार बिश्नोई को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि आमेर स्थित कुण्डलाव कॉलोनी निवासी परिवादी कुलदीप सिंह ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि वह किराए पर गाड़ी देने का काम करते हैं।
दूसरे जीपीएस से पकड़ी गई गैंग
थानाधिकारी बलवीर सिंह ने आरोपी हरेन्द्र सिंह राठौड़ ने 16 मार्च को दोपहर से अगले दिन दोपहर तक एसयूवी किराए पर ली। इसके बाद रात 11:25 बजे गाड़ी का जीपीएस सिस्टम काम करना बंद हो गया। इससे पहले आरोपी हरेन्द्र सिंह ने परिवादी से गाड़ी में दूसरा जीपीएस लगाने के बारे में पूछा लेकिन परिवादी को शक हुआ तो उसने दूसरा जीपीएस नहीं लगाना बताया। परिवादी ने दूसरे जीपीएस से गाड़ी की लोकेशन ट्रैक की जो भीम रोड पर एक होटल के बाहर खड़ी थी। जब वह वहां पहुंचे तो गाड़ी बिना नंबर प्लेट खड़ी थी और गाड़ी में दो व्यक्ति बैठे थे। उन्होंने बताया कि तस्करी के लिए गाड़ी खरीदी थी।
दो एसयूवी बेची, एक पीछा कर पकड़ी
आरोपी हरेन्द्र सिंह झुंझुनूं, चिड़ावा क्षेत्र में किराए से गाड़ी देेने का काम करता है। परिवादी से एसयूवी किराए पर लेने के साथ दूसरी जगह से भी एक एसयूवी किराए से ली थी। दोनों एसयूवी को कुचामन ले गया और साथी को बुलाकर उसको दे दी। दोनों एसयूवी को चोरी की गाड़ियां बताते हुए मादक पदार्थ तस्करों को पांच-पांच लाख रुपए में बेच दी।