प्रारंभिक जांच में पता चला कि घटना गुरुवार देर रात हुई, जिसका खुलासा करीब 12 घंटे बाद हुआ। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। मौके पर पहुंची एफएसएल टीम ने घटना स्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। पति के शव के पैर बेड को छूते हुए और पत्नी का शव फर्श पर पड़ा होने के कारण पुलिस हत्या की आशंका से भी इनकार नहीं कर रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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धर्मेंद्र इंश्योरेंस कंपनी में था मैनेजर
गुर भूपेंद्र सिंह ने बताया कि धर्मेंद्र चौधरी (42) और उनकी पत्नी सुमन चौधरी (40) मूलत: नदबई, भरतपुर हाल दादूदयाल नगर के रहने वाले थे। धर्मेंद्र एक निजी बैंक की इंश्योरेंस कंपनी में मैनेजर थे, जबकि सुमन गृहणी थीं। दंपती की दो बेटियां (11 और 8 वर्ष) हैं, जो स्कूल की छुट्टियों के कारण अपने पैतृक गांव हंतरा-नदबई, भरतपुर गई हुई थीं।
शुक्रवार को धर्मेंद्र के बैंक नहीं पहुंचने पर उनके सहकर्मियों ने उनके मोबाइल पर लगातार फोन किए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद सहकर्मियों ने धर्मेंद्र के एक दोस्त को सूचना दी। दोस्त की बेटी ने लैट पर जाकर दरवाजा खटखटाया और आवाज दी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
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धक्का देकर गेट खोला
इस पर उसने अपने पापा को बुला लिया। पड़ोसियों ने धक्का दिया तो गेट खुल गया, धर्मेंद्र चौधरी का शव फंदे पर लटका हुआ मिला और पत्नी फर्श पर पड़ी हुई थी। पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए महात्मा गांधी अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया है।
नहीं मिला कोई सुसाइड नोट
पुलिस को कमरे से किसी तरह का सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस दंपती के आत्महत्या के कारणों का पता लगा रही है। सुमन चौधरी के शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं मिले हैं। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सही कारण सामने आएगा।