केंद्र के तिलहन फसलों के नॉडल अधिकारी डॉ. शंकर लाल कस्वां ने बताया कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय मिशन ऑन एडिबल ऑयल- वृक्ष जनित तिलहन के अंतर्गत कार्यालय संयुक्त निदेशक कृषि विभाग, सीकर के सौजन्य से करवाया जा रहा है जिसमें जिले की 25 महिला कृषि पर्यवेक्षकों ने भाग लिया इस दौरान फसल के क्षेत्र विस्तार, मिट्टी जांच हेतु तिलहन खेती पर विस्तार से बताया गया। सहायक निदेशक कृषि रामचंद्र बाजिया ने तिलहन फसलों पर चर्चा करते हुए अन्य खाद्यान्न फसलों की तुलना में इनकी सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए सरकार द्वारा संचालित योजना राष्ट्रीय मिशन ऑन इडिबल आइल-तिलहन योजनांतर्गत तिलहनी फसलों के उत्पादकता में वृद्धि करने के लिए निर्देशित किया।
रामवतार मिश्रा ने तिलहनी फसलों में जैविक तरीके से कीट व बीमारियों के नियंत्रण करने के तौर-तरीकों के बारे में जानकरी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य के लियेजहरमुक्तसुद्धऑइल बहुत आवश्यक है। कृषि अधिकारी मंजू मीणा व सहायक कृषि अधिकारी गोपाली देवी ने कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को सही तरीके से क्रियान्वित करने के तरीकों से अवगत करवाते हुये नैनो डीएपी और नैनो यूरिया के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कृषकों को प्रोत्साहित करने की जानकारी प्रदान की।
वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक छाजू राम जाट ने प्रशिक्षार्थी को केंद्र की इकाइयों के साथ -साथ प्रगतिशील किसान सोहन लाल यादव के बीज उत्पादन फार्म का भ्रमण करवाया व इनके बारे में विस्तृत जानकारी दी। अंत में डॉ. महेश चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजन टीम को कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया।