सांसद की सलाह, सिर्फ पैकेज ना बनें
अतिथियों ने मेधावी विद्यार्थियों को समानित किया। इस दौरान जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेन्द्र सिंह ने कहा कि विद्यार्थी पढ़ने के साथ ही चरित्र का भी निर्माण करें। उन्होंने कहा कि दुनिया में ज्ञान ही सबसे उत्कृष्ट है। इसीलिए हर क्षेत्र में अपने ज्ञान को अर्जित करें। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि जीवन में नौकरी ही सब कुछ नहीं। सिर्फ पैकेज बनकर मत रहिए। समाज और देश के निर्माण में भी भूमिका निभाएं। कार्यक्रम में पूर्व आइपीएस लक्ष्मण गौड़ ने बच्चों के साथ अभिभावकों को भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि अभिभावक बच्चों पर किसी तरह का दबाव नहीं डालें। डिप्टी कमिश्नर जीएसटी कौशल भारद्वाज ने कहा कि 12 वीं के बाद का जीवन अहम है। जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय इसी उम्र में लेने होते हैं। मन के अनुरूप अगर काम नहीं हो रहा है तो वह प्रेशर है। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि बच्चों के दोस्त बनें। समारोह में सभी मेधावियों को सर्टिफिकेट और ट्रॉफी देकर समानित किया गया।
एक हजार से अधिक मेधावी छात्र सम्मानित
समारोह में विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी से प्रो. डॉ बलदेव सिंह, एमिटी यूनिवर्सिटी से वॉइस चांसलर प्रो. डॉ. अमित जैन, बियानी ग्रुप ऑफ कॉलेज से प्रो. डॉ. अपर्णा दीक्षित ने छात्रों को संबोधित कर समानित किया। मंच संचालन एफएम तड़का के आरजे सूफी ने किया। कार्यक्रम में बच्चों को कई गेम्स खिलाए गए। 10 जुलाई से समारोह की शुरुआत हुई थी। समारोह में जयपुर जिले के एक हजार से अधिक 10 वीं और 12 वीं कक्षा के मेधावी विद्यार्थियों को समानित किया गया।
नवाचार पर हुए कई सेशन
समारोह में विद्यार्थियों के भविष्य से संबंधित विषयों और नवाचार पर एक्सपर्ट्स की ओर से कई सेशन आयोजित किए गए। पत्रिका इग्नाइटर्स 2025 में टाइटल स्पॉन्सर विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी, पॉवर्ड बाय एमिटी यूनिवर्सिटी, सपोर्टेड बाय जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, स्वामी केशवानंद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पूर्णिमा ग्रुप, बियानी ग्रुप ऑफ कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेेट, आइएएस-आरएएस एक्सपर्ट सयक सिविल सर्विसेज इंस्टीट्यूट, को-स्पॉन्सर भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान रहे।
पुरस्कार ठहराव है, मंजिल नहीं
समारोह में आइएएस और पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि छात्र अपना लक्ष्य तय करें। उन्होंने कहा कि आज का युग तकनीक का है। ऐसे में आपके सामने अनेक संभावनाएं हैं। जो काम अच्छा लगे उसी को चुनें। उन्होंने छात्रों को लक्ष्य तय करने, फोकस करने, अच्छा बोलने और अनुशासित रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जो पुरस्कार मिल रहा है वह आपकी लाइफ में ठहराव हो सकता है, लेकिन मंजिल नहीं है। आपको आगे बढ़ता रहना है। उन्होंने कहा कि विफलता, सफलता की पहली सीढ़ी है। जो भी काम करें उसमें 100 फीसदी दें।