मानसून राजस्थान के लिए लाया खुशखबर, 213 सूखे बांधों में आया पानी, 76 बांध हुए लबालब, जानें प्रमुख बांध के नाम
Monsoon News : खुशखबर। राजस्थान में मानसून मेहरबान है। बीते 24 घंटे में 5 और बांध भर गए हैं। इनमें करीब 58.38 प्रतिशत पानी आया। अब तक 213 सूखे बांधों में पानी की आ चुका है और 76 बांध लबालब हो गए। जनता खुश से झूम रही है।
धौलपुर के पार्वती बांध से पानी की निकासी। फोटो पत्रिका
Monsoon News : राजस्थान के बांधों में 58.38 प्रतिशत पानी पहुंच गया है, जो पिछले साल (12 जुलाई) से 15 प्रतिशत पानी अधिक है। पिछले 24 घंटे में पांच और बांध लबालब हुए। अब तक 213 सूखे बांधों में पानी की आ चुका है और 76 बांध लबालब हो गए। वहीं, 406 बांध आंशिक रूप से भरे हैं। खास यह है कि जयपुर संभाग के बांधों में कुल भराव क्षमता का 55.09 प्रतिशत, भरतपुर संभाग के बांधों में 43.93 प्रतिशत, कोटा संभाग के बांधों में 79.25 प्रतिशत पानी आ चुका है। हालांकि, जोधपुर संभाग के बांधों में अभी भी 17.07 प्रतिशत पानी पहुंचा है। इसी तरह बांसवाड़ा संभाग में 58.19 प्रतिशत और उदयपुर संभाग के बांधों में 35.85 प्रतिशत पानी आया है।
देश के बांधों से हर साल 12 हजार मिलियन क्यूसेक पानी व्यर्थ बहकर समुद्र में जा रहा है। इनमें कुछ बांध राजस्थान के भी हैं। यह इतना पानी है कि जिससे बीसलपुर बांध को 11 बार भरा जा सकता है। बांधों की ऊंचाई बढ़ाना, नए बांध निर्माण, मौजूदा बांधों में भरी मिट्टी निकालकर स्टोरेज क्षमता बढ़ाने पर काम हो तो राज्य की आठ करोड़ जनता के लिए कुल बांध भराव क्षमता का करीब 75 प्रतिशत अतिरिक्त पानी सहेज सकते हैं। इसी आधार पर जल संसाधन विभाग मानसून के बाद विशेषज्ञों के साथ चर्चा करेगा।
पिछले साल से ज्यादा बांध में पानी
1- 12 जुलाई 2024 को बांधों में 4541.17 एमक्यूएम (34.86 प्रतिशत) पानी था। 2- 12 जुलाई 2025 को बांधों में 7604.71 एमक्यूएम (58.38 प्रतिशत) पानी है। इस तरह पिछले साल के मुकाबले इस बार 23.52 प्रतिशत ज्यादा पानी बांधों में है।
राजस्थान के प्रमुख बांध
बीसलपुर बांध टोंक जिले में स्थित बीसलपुर बांध एक ग्रेविटी डैम है। जयपुर को पीने का पानी सप्लाई करने का प्रमुख स्रोत है। बीसलपुर बांध राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध बांधों में से एक है। यह बांध 40 मीटर ऊंचा है। सन 1999 में बनास नदी पर बनाया गया था। इसे दो हिस्सों में बनाया गया था। पहले हिस्से का मकसद गांवों को पानी देना था और दूसरे हिस्से में सिंचाई की सुविधाएं सुधारने पर ध्यान दिया गया।
माही बजाज सागर बांध राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा व प्रमुख बांध माही बजाज सागर है। बांसवाड़ा से 16 किलोमीटर दूर यह माही नदी पर बना है। यह बांध जमनालाल बजाज के नाम पर है। 43 मीटर ऊंचा यह बांध पानी की आपूर्ति और बिजली बनाने के लिए बनाया गया था। माही बजाज सागर डैम का निर्माण 1972 से 1983 के बीच में पूरा हुआ।
राणा प्रताप सागर बांध राजस्थान के रावतभाटा में स्थित राणा प्रताप सागर बांध चंबल नदी पर बना दूसरा सबसे बड़ा बांध है। यह बांध 53.8 मीटर ऊंचा है। बांध के पास एक पॉवर स्टेशन है। इस पॉवर स्टेशन से जलविद्युत पैदा किया जाता है। इस का निर्माण फरवरी 1975 में हुआ था। बांध और पावर प्लांट का नाम राजस्थान के योद्धा महाराणा प्रताप के नाम पर रखा गया है।
जवाहर सागर बांध जवाहर सागर बांध चंबल घाटी परियोजना के तहत सन 1972 में बनाया गया था। यह एक महत्वपूर्ण बहुउद्देशीय बांध है। कोटा शहर और राणा प्रताप सागर बांध से क्रमशः 29 किमी ऊपर और 26 किमी नीचे की ओर स्थित जवाहर सागर बांध 33 मेगावाट की तीन इकाइयों से कुल 60 मेगावाट बिजली का उत्पादन करता है। जवाहर सागर बांध को देखकर पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
मेजा बांध राजस्थान के भीलवाड़ा के मेवाड़ क्षेत्र का मेजा बांध सबसे बड़ा बांध है। यह बांध भीलवाड़ा शहर से 20 किमी दूर है। इस बांध की झील में कई प्रकार के जलीय जानवर और पक्षी रहते हैं। यहां का आसपास का इलाका अपने प्राकृतिक हरे पहाड़ी पार्क के लिए मशहूर है।
जवाई बांध जवाई बांध पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध है। यह बांध 1946 से 1957 के बीच जवाई नदी पर सुमेरपुर कस्बे के पास पाली जिले में बनाया गया था। जवाई बांध के आसपास की पहाड़ियां भारतीय तेंदुए और जंगली बिल्लियों के लिए प्रसिद्ध है। यह बांध जोधपुर शहर और पाली जिले के कुछ हिस्सों में पानी की आपूर्ति करता है।
इसके अलावा भी कई बांध है जाखम बांध मोरेल बांध जगम बांध खंडिप बांध जग्गर बांध सिलीसेढ़ बांध हेमावास बांध।
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