यह भी पढ़ें जयपुर से बड़ी खबर, दुबई जा रहे विमान में आई खराबी, 130 यात्री फ्लाइट में मौजूद, मचा हड़कंप जयपुर की टीम की ओर से किए गए पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट में रेजिडेंट डॉक्टर की मौत करंट के झटके से सिर में चोट लगने से होना सामने आई है। वहीं उदयपुर में आरएनटी ने करंट से मौत नहीं माना था। ऐसे में दो अस्पतालों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में अंतर मिला है। जिसे लेकर अब मामला बढ़ गया है। इधर, सरकार स्तर पर अब तक रेजिडेंट्स के साथ कोई वार्ता नहीं की गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि हड़ताल बढ़ सकती है।
यह भी पढ़ें जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर, झालावाड़, कोटा व उदयपुर में अस्पतालों में हालात बिगड़ गए है। हड़ताल के कारण रेजिडेंट डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज करना छोड़ दिया। जिसके कारण अस्पतालों में मरीजों की कतारें लग गई। सीनियर डॉक्टरों को मरीजों को संभालने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हड़ताल का असर वार्डों में भी दिखाई दिया। जहां पर सुबह सुबह मरीजों की ड्रेसिंग व अन्य काम रेजिडेंट्स को करने पड़ते है। लेकिन दो घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक के कारण भर्ती मरीजों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। उदयपुर में इमरजेंसी तक में काम छोड़ दिया गया है। अन्य स्थानों पर इमरजेंसी में काम किया जा रहा है।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज में करीब 2100 रेजिडेंट डॉक्टर है। जो एसएमएस, जेके लोन, जनाना व जयपुरिया सहित अन्य अस्पतालों में काम संभालते है। लेकिन स्ट्राइक के कारण आज सुबह आठ बजे से इन अस्पतालों में मरीजों की लाइन लग गई। जिसके कारण कई मरीज तो बगैर डॉक्टर को दिखाए वापस घर चले गए तो वहीं कई मरीज प्राइवेट अस्पतालों में चले गए।
रेजिडेंट डॉक्टरों की ओर से स्ट्राइक की जा रहीं है। उनकी मांग है कि जिन्होंने पहले पोस्टमार्टम किया था और झूठी रिपोर्ट बनाई थी। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएं। मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल और पीजी हॉस्टल वार्डन इस्तीफा दें। इसके साथ ही मृतक के परिवार को दो करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए। यह मांगे जब तक पूरी नहीं होगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।