डॉ. बुनकर ने बताया कि अध्यापक अभिलेश योगी, शारीरिक शिक्षक सुरेन्द्र चौधरी एवं संतोष बुढ़ानिया को बीएलओ पद पर नियुक्त कर कार्यग्रहण करने के आदेश दिए गए थे। लेकिन तीनों कार्मिकों ने न केवल समय पर कार्यग्रहण नहीं किया, बल्कि बार-बार निर्देश देने के बावजूद उन्होंने निर्वाचन जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य से दूरी बनाए रखी।
निर्वाचन कार्यालय की ओर से तीनों को पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इसके पश्चात चुनाव लिपिक, संबंधित पर्यवेक्षक (सुपरवाइजर) एवं ईआरओ द्वारा कई बार दूरभाष पर भी निर्देशित किया गया, फिर भी कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। यह कृत्य न केवल निर्वाचन आयोग के निर्देशों की अवहेलना है, बल्कि यह राष्ट्रीय महत्व के कार्य के प्रति घोर उदासीनता और अनुशासनहीनता भी दर्शाता है।
इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए डॉ. बुनकर ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 32 व 13(सी)(सी) के तहत प्राप्त शक्तियों एवं राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 13 के अंतर्गत तीनों कार्मिकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
डॉ. बुनकर ने स्पष्ट किया कि निर्वाचन कार्य में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यदि कोई अन्य कार्मिक भी ऐसे कार्य में बाधा डालेगा, तो उसके विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।