वारदात के बाद बदमाश किराए की टैक्सी से मथुरा के लिए निकल गए। जाते समय वे तीनों के मोबाइल भी साथ ले गए, जिन्हें बस्सी के पास फेंक गए। नौकर संदीप ने खुद को किसी तरह खोलकर लैंडलाइन फोन से घर के चालक को लूट की जानकारी दी।
चालक ने बुजुर्ग महिला के भतीजे पूर्व पार्षद अनिल बंब को सूचना दी। इस पर वह घर पहुंचे और पुलिस कंट्रोल रूम को मंगलवार सुबह 6:25 बजे जानकारी दी। सूचना पर गांधी नगर थाना पुलिस और एफएसएल टीम मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए।
पुलिस के मुताबिक मंजू कोठारी पत्नी पदम चंद कोठारी कानोता बाग, देवी पथ पर अपने नौकरों पश्चिम बंगाल निवासी प्रतिमा और उत्तर प्रदेश निवासी संदीप के साथ रहती हैं। दस दिन पहले ही उन्होंने नेपाली नौकरानी सावित्री को रखा था। मंजू कोठारी, संदीप व प्रतिमा एक ही कमरे में सो रहे थे। जबकि सावित्री हॉल में सो रही थी।
नौकरानी ने तीन साथियों के साथ रची साजिश
नौकरानी सावित्री ने तीन साथियों के साथ बुजुर्ग महिला के घर लूट की साजिश रची। उसने सोमवार रात करीब 10:30 बजे घर के मुख्य गेट का ताला लगाने का नाटक किया और चाबी को अंदर ले जाकर रख दिया। इसके बाद रात 11:35 पर उसके दो साथी अंदर घुसे। जबकि एक साथी नारायण सिंह तिराहे पर मथुरा के लिए टैक्सी करने के लिए रुक गया। सावित्री ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर मंजू कोठारी और दोनों नौकरों के मुंह पर टेप लगा दिया और हाथ-पैर बांध दिए। सावित्री ने घर की अलमारी में रखे करीब पचास लाख के सोने- चांदी के जेवर और 12 लाख रुपए लूटने के बाद बैग में भर लिए। इसके बाद आरोपी रात 1:58 बजे घर से बाहर निकल गए। तख्तेशाही रोड पर जाने के बाद वे टैक्सी से मथुरा के लिए निकल गए। जाते समय बदमाश तीनों के मोबाइल अपने साथ ले गए, जिसे बस्सी के पास फेंक दिया।
तीसरा साथी टैक्सी लेकर आया, मथुरा के लिए निकले
बदमाशों का तीसरा साथी नारायण सिंह तिराहे पर मथुरा के लिए टैक्सी करने के लिए रुक गया। टैक्सी वाले ने जब जाने वालों के बारे में पूछा तो उसने कहा कि एक महिला और तीन लोग मथुरा जाएंगे। महिला साथ होने की वजह से टैक्सी वाला भी आसानी से मान गया। तख्तेशाही रोड से टैक्सी वाला उन्हें मथुरा बस स्टैण्ड पर छोड़ने के बाद जयपुर आ गया। इतनी पॉश कॉलोनी, सीसीटीवी नहीं
मंजू देवी कोठारी ने सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं कर रखे थे। यहां तक कि अकेली होने के बाद भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगवा रखे थे। कॉलोनी में भी सीसीटीवी नहीं थे। एक जगह के सीसीटीवी फुटेज मंगलवार सुबह दस बजे तक पुलिस के पास पहुंचे, तब तक बदमाश मथुरा से आगे निकल चुके थे। सावित्री दस दिन से घर पर रह रही थी। इस दौरान उसका पुलिस वेरीफिकेशन तक नहीं करवाया था। पुलिस की मानें तो संदीप 9 साल से और प्रतिमा सात साल से रह रही है। इन दोनों का भी पुलिस वेरीफिकेशन नहीं हुआ है।
नेपाल बॉर्डर पर डेरा डाले हुए है टीम
टैक्सी चालक से भी पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही पुलिस यह पता लगा रही है कि मथुरा के बाद वे सभी किस तरफ के लिए निकले हैं। पुलिस टीम नेपाल बॉर्डर पर डेरा डाले हुए है।
परिवार की तरह रखती हैं ध्यान
मंजू देवी कोठारी के संतान नहीं होने की वजह से वह नौकरों को परिवार की तरह रखती हैं। थाने में नौकरों से पूछताछ चल रही थी। इसी दौरान उन्होंने पुलिस से कहा कि अगर उनके पुराने नौकरों का हाथ न हो तो उन्हें घर भेज दिया जाए। परिचित ने रखवाया था नौकरानी को
76 वर्षीय मंजू कोठारी के पति पदम चंद कोठारी जवाहरात का बिजनेस करते थे। उनका देहांत वर्ष 2007 में हो गया था। मंजू कोठारी के परिचित अमित ने ही दस दिन पहले सावित्री को रखवाया था। अमित गांधी नगर स्थित एक होटल में मैनेजर हैं। मंजू उनके होटल से गरीबों में बांटने के लिए खाना बनवाती हैं।
नौकर संदीप ने दिखाई हिम्मत, खुद को खोलकर किया फोन
संदीप ने हिम्मत दिखाते हुए खुद के हाथ-पैर खोलने के बाद चालक हाथोज निवासी मोती सिंह को इसकी जानकारी दी। मोती सिंह ने मंजू कोठारी के भतीजे पूर्व पार्षद अनिल बंब को फोन किया। इसके बाद वह घर पहुंचे और पुलिस को इसकी जानकारी दी।
डीसीपी ने बदमाशों को पकड़ने के लिए बनाई हैं टीम
घटना की जानकारी मिलने पर डीसीपी ईस्ट तेजस्विनी गौतम, एडिशनल डीसीपी आशाराम चौधरी, एसीपी नारायण सिंह, थानाधिकारी राजकुमार मीना सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। डीसीपी ने बदमाशों को पकड़ने के लिए टीमें बनाई है।
चालक और अकाउंटेंट आते-जाते रहते है
कार चालक हाथोज निवासी मोती सिंह ने बताया कि वह 32 साल से यहां नौकरी कर रहे हैं। इसके साथ ही अकाउंटेंट मानसरोवर निवासी विनोद भी आते-जाते रहते हैं। वारदात की सूचना के बाद दोनों ही घर पहुंच गए थे।