बल्ले-बल्ले! बिजली विभाग से आ गई खुशखबरी, नया कनेक्शन लेना हुआ आसान, जानें अप्लाई करने की प्रक्रिया
Good News: डिस्कॉम ऑफिस जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अब आवेदन प्रक्रिया अधिक सुगम, पारदर्शी और आसान हो जाएगी। इसके साथ ही लंबित कनेक्शनों की मॉनिटरिंग भी ऑनलाइन तरीके से की जा सकेगी।
New Electricity Connection Update: प्रदेश में नए बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन प्रक्रिया को और अधिक सरल और सुगम बनाने के लिए ई-मित्र के माध्यम से बदलाव किए गए हैं। डिस्कॉम्स की चेयरपर्सन आरती डोगरा ने बताया कि अब ई-मित्र एप्लिकेशन को डिस्कॉम्स के न्यू कनेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम (एनसीएमएस) मॉड्यूल से जोड़ा गया है। इससे अब ई-मित्र पर आवेदन करने के साथ ही डिस्कॉम्स कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली इंस्पेक्शन, डिमांड नोट जारी करने और अन्य सभी प्रक्रियाएं एनसीएमएस मॉड्यूल के माध्यम से पूरी की जाएंगी।
इस कदम से आवेदकों को अब कनेक्शन के लिए डिस्कॉम ऑफिस जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अब आवेदन प्रक्रिया अधिक सुगम, पारदर्शी और आसान हो जाएगी। इसके साथ ही लंबित कनेक्शनों की मॉनिटरिंग भी ऑनलाइन तरीके से की जा सकेगी। जयपुर, जोधपुर और अजमेर विद्युत वितरण कंपनियों ने इस नई सुविधा की शुरुआत की है।
पहले भी, बिजली बिल भुगतान, कनेक्शन के लिए आवेदन और अन्य सेवाएं ई-मित्र के माध्यम से उपलब्ध थीं, लेकिन एनसीएमएस मॉड्यूल से इनकी इंटीग्रेशन न होने के कारण आवेदकों को इसके बाद भी डिस्कॉम कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता था। अब इस नई व्यवस्था के तहत यह समस्या भी समाप्त हो जाएगी।
आरती डोगरा ने बताया कि जल्द ही अन्य सेवाएं जैसे विद्युत भार में वृद्धि या कमी, नाम और श्रेणी में बदलाव आदि भी ई-मित्र के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही नए कनेक्शन के लिए आवेदन की सुविधा अब बिजली मित्र मोबाइल ऐप पर भी उपलब्ध होगी।
पेपरलैस सिस्टम को मिलेगा बढ़ावा
आरती डोगरा ने बताया कि इस बदलाव से सब डिविजन ऑफिसों में हर कनेक्शन के लिए अलग से मैन्युअल फाइलें तैयार करने की जरूरत कम हो जाएगी, जिससे फाइलों के बोझ को भी घटाया जा सकेगा। इससे राजस्थान डिस्कॉम्स की कार्यप्रणाली में पेपरलैस सिस्टम को भी मजबूती मिलेगी।
साइट निरीक्षण में आएगी पारदर्शिता
नए कनेक्शन के लिए आवेदन के बाद, साइट के निरीक्षण को लेकर भी बड़ा बदलाव किया गया है। अब जेईएन साइट सत्यापन मोबाइल एप्लिकेशन को एनसीएमएस के साथ इंटीग्रेट कर दिया गया है। इससे कनेक्शन की फिजिबलिटी और एस्टीमेट मौके पर ही तैयार हो सकेगा। इस इंटीग्रेशन से साइट निरीक्षण में पारदर्शिता आएगी और समय की भी बचत होगी।