दरअसल, 28 अप्रेल को जेडीए ने निर्माणकर्ता को नोटिस जारी किया। इसमें लिखा कि तीन मंजिला निर्माण बिना सेटबैक के चल रहा है। जेडीए बायलॉज के उल्लंघन होने की वजह से निर्माण पूर्णत: अवैध है। जेडीए ने सात दिन का समय दिया। इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं जेडीए कोर्ट ने मई में इस भूखंड की भौतिक स्थिति को यथावत रखने और निर्माण कार्य व फिनिशिंग वर्क न करने के लिए कहा है। वहीं जोन के प्रवर्तन अधिकारी बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि शिकायत पर नोटिस जारी किए थे। यदि निर्माण कार्य हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।
इधर, सरकारी जमीन पर कब्जे का आरोप
सांगानेर के ग्राम कल्याणपुरा में सरकारी जमीन कब्जाने का मामला भी सामने आया है। वर्ष 2022 में जेडीए ने उक्त जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया था। इससे पहले मौका रिपोर्ट के आधार पर जेडीए ने अतिक्रमण माना था और अवैध रूप से कब्जा करने वाले अतिक्रमी गोपाल को जोन के ईओ ने नोटिस भी जारी किया था। शिकायतकर्ता ने जो पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजा है, उसमें लिखा है कि भाजपा का स्थानीय स्तर का पदाधिकारी सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रहा है।