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जयपुर

Pahalgam Terrorist Attack Effect : भारत-पाकिस्तान में जबरदस्त तनाव, दोनों देशों में नाते-रिश्ते टूटे, राजस्थान में बैंड-बाजा-बारात सब अटके

Pahalgam Terrorist Attack Effect : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार के कड़े कदमों और पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के बाद दोनों देशों में बटी नाते-रिश्तेदारी पर जैसे पहाड़ टूट पड़ा है। दोनों देशों में बढ़ते तनाव के कारण राजस्थान में कहीं दूल्हा-दुल्हन का मिलन रहा अधूरा तो कहीं वर्षों बाद भाई को गले लगाने की चाह। अब क्या होगा। पढ़ें पूरी खबर।

जयपुरApr 27, 2025 / 07:50 am

Sanjay Kumar Srivastava

Pahalgam Terrorist Attack Effect India and Pakistan Tremendous Tension Two Countries Relations Broken Rajasthan Band Baaja Baaraat All Stopped
Pahalgam Terrorist Attack Effect : बाड़मेर/जयपुर. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार के कड़े कदमों और पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के बाद दोनों देशों में बटी नाते-रिश्तेदारी पर जैसे पहाड़ टूट पड़ा है। दोनों देशों में बढ़ते तनाव के कारण बैंड-बाजा-बारात सब अटक गए हैं। जो परिवार कई साल से एक-दूसरे से मिलने का सपना देख रहे थे, वे फिर निराशा के अंधेरे में डूब गए तो कहीं दूल्हे और दुल्हन का मिलन ठहर गया। एक-दूसरे के नागरिकों का वीजा रद्द करने और उन्हें स्वदेश भेजने के फरमान के बाद अमन पसंद लोग परेशान और बेचैन हैं। आतंकी हमले ने जैसे सब कुछ खत्म कर दिया है।

“29 अप्रेल तक पाकिस्तान लौटें”

पाकिस्तान के अमरकोट और छाछरो से पाकिस्तान की कई बेटियों की शादी मारवाड़ में हुई। बाड़मेर जिले के राजपूत, चारण, मेघवाल, मुस्लिम समाज की इन बेटियों ने भारत में घर बसाया है। बाड़मेर-जैसलमेर जिले में दोनों देशों के बीच काफी शादियां हुई हैं। कई परिवार भारत आकर बेटियों की शादी करते हैं तो कुछ परिवार पाकिस्तान बारात लेकर जाते हैं। बाड़मेर में करीब 30 पाक नागरिक शॉर्ट टर्म वीजा पर हैं। इन्हें 29 अप्रेल तक अटारी बॉर्डर से पाकिस्तान वापस लौटने के लिए कहा गया है।

भाइयों से मिलने आए, एक सप्ताह ही रुक पाए

पाकिस्तान के अमरकोट से तीन सदस्य रिश्तेदारों से मिलने बाड़मेर आए थे। 17 अप्रेल को अटारी बॉर्डर से भारत में प्रवेश किया। इनके पास 45 दिन का वीजा था, पर सरकार के आदेश के बाद ये पाकिस्तान के लिए रवाना हो गए। इनके चेहरे पर मायूसी थी कि सभी रिश्तेदारों से मिल नहीं पाए। झिंझनियाली निवासी गुलाबसिंह बताते है कि मेरा ससुराल भी पाकिस्तान है, ससुराल के लोग आए थे, सभी ठीक से मिल भी नहीं पाए और इन्हें पाकिस्तान रवाना होना पड़ा।
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शादी अटकी तो गम में बदली खुशी

बाड़मेर के इंद्रोई निवासी शैतान सिंह (25 वर्ष) पुत्र हेम सिंह की शादी पाकिस्तान के अमरकोट निवासी केसर कंवर (21 वर्ष) से होना तय हुआ था। दूल्हा शैतान सिंह परिवार के सदस्यों के साथ 24 अप्रेल को अटारी बॉर्डर पहुंचा, लेकिन बॉर्डर पर सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें पाकिस्तान जाने से रोक दिया है। दूल्हे ने बताया कि क्या कहूं…खुशी गम में बदल गई है। दिल टूट गया है। शैतान सिंह की सगाई 4 साल पहले हुई थी। लंबे प्रयासों के बाद 18 फरवरी को दूल्हा समेत अन्य परिवार के सदस्यों का वीजा क्लीयर हुआ था। इन्हें 12 मई 2025 तक वीजा मिला था।
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बेटी की शादी छोड़ लौटे माता-पिता

पाकिस्तान के अमरकोट से तीन माह पहले बेटी की शादी के लिए सात सदस्य बाड़मेर आए थे, लेकिन उन्हें बेटी की शादी से पहले ही पाकिस्तान के लिए रवाना होना पड़ा है। जिस लड़की शादी थी, वह जन्म से ही बाड़मेर में ननिहाल में रह रही थी, उसकी नागरिकता भारत की है। परिवार के लोग बेटी की शादी के लिए दिसंबर 2024 में भारत आए थे, लड़की के पिता का ससुराल भी यहीं है। तीन माह की अवधि में बेटी की शादी तय की और 29 अप्रेल को बेटी की शादी होनी थी।
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छूट गए रिश्ते, दिलों में अब सिसकियां

जैसलमेर में नदीम अख्तर के घर का आंगन, जो कभी कराची से आई चिट्ठियों और कहकहों से गूंजता था, अब मौन के साए में डूबा है। कराची में मौसेरे भाई सोहेल की दुकान है, मौसेरी बहन सायमा की छोटी-सी दुनिया है। इस पार नदीम के हाथों में बस एक मोबाइल है… जिसमें ’लास्ट सीन’ देखकर ही दिल को बहलाना पड़ता है। चाचा रईस अहमद कहते हैं रिश्ते रूह से जुड़े होते हैं…पर अब हर रूह घायल है।

भारत में बसने का सपना रह गया अधूरा

पाकिस्तान के अमरकोट में रहने वाले दलपत और भंवर तीन महीने पहले भारत में आए थे। उनकी दो बेटियां हैं, जिनकी शादी राजस्थान में हुई है। पाकिस्तान में जमीन बेचकर भारत में बसने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन यह सपना अब सपना बनकर रह गया। भारत सरकार ने जिस तरह से पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दुओं के लिए फैसले लिए थे। उन्हें अपनाने की बात कही थी। उससे उम्मीद जगी थी कि वह पाकिस्तान से भारत आ जाएंगे।

पत्नी बच्चे पाकिस्तान में फंसे

जोधपुर में रह रहे प्रभुलाल पुत्र मोतीलाल की पत्नी और बच्चे पाकिस्तान में फंस गए हैं। वे डेढ़ साल पहले जोधपुर से पाकिस्तान गए थे। रिटर्न वीजा था, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी की वजह से प्रभुलाल खुद तो भारत आ गए लेकिन परिवार वहीं रह गया। वहां से वीजा नहीं मिला तो कहा गया कि कुछ दिन बाद आ जाएगा। अब भारत ने हर प्रकार से वीजा देना बंद कर दिया और बॉर्डर को सील कर दिया है। ऐसे में प्रभुलाल चक्कर काट कर परेशान है, लेकिन परिवार से नहीं मिल पा रहा है।

ससुराल आईं दुल्हनों को बिछड़ने का गम

जैसलमेर. सरकार के पाक नागरिकों के स्वदेश लौटने के आदेश से जैसलमेर के देवीकोट गांव में 13 दिन पहले ही ससुराल आईं दो पाकिस्तानी दुल्हनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सालेह मोहम्मद और मुश्ताक अली ने सिंध प्रांत के घोटकी जिले में करम खातून (21 वर्ष) और सचुल (22 वर्ष) से निकाह किया था। अगस्त, 2023 में शादी के बाद डेढ़ साल तक वीजा का इंतजार चला। आखिर 13 अप्रेल, 2025 को दोनों दुल्हनें भारत आईं, लेकिन अब 10 दिन बाद ही उन्हें वापस भेजने का फरमान सुनाया गया। ससुर हाजी अब्दुल्ला ने कहा कि करम खातून के माता-पिता साथ नहीं हैं, ऐसे में उसे भेजना मुमकिन नहीं। रोते हुए दुल्हनों ने कहा कि पतियों से बिछड़ने से बड़ा दुख और क्या होगा? वहीं दूल्हा मुश्ताक अली सदमे में बीमार पड़ गया, जोधपुर में इलाज जारी है।

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