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जयपुर

खेल से खिलवाड़ः 34 खेलों में से सिर्फ एक का स्थायी कोच, सिंथेटिक ट्रैक तक नहीं

देश की सबसे पुरानी और बड़ी कहे जाने वाली राजस्थान यूनिवर्सिटी में खेल की हालत बदतर है। खिलाडि़यों को खेल के लिए सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। यूनिवर्सिटी 34 खेलों का संचालन कर रही है। इनमें से भी 12 ऐसे खेल हैं जिनमें यूनिवर्सिटी के छात्र राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। […]

जयपुरMay 18, 2025 / 05:10 pm

Amit Pareek

देश की सबसे पुरानी और बड़ी कहे जाने वाली राजस्थान यूनिवर्सिटी में खेल की हालत बदतर है। खिलाडि़यों को खेल के लिए सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। यूनिवर्सिटी 34 खेलों का संचालन कर रही है। इनमें से भी 12 ऐसे खेल हैं जिनमें यूनिवर्सिटी के छात्र राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बावजूद यूनिवर्सिटी में खेलों के कोच नहीं हैं। यूनिवर्सिटी के पास सिर्फ एक स्थायी कोच है। इसके अलावा तीन कोच संविदा पर हैं। संविदा पर लगे इन तीन कोच को 12 हजार रुपए महीना वेतन तय कर रखा है, ऐसे में इन पदों पर अनुभवी कोच नहीं आ रहे हैं। इन हालात के कारण यूनिवर्सिटी के छात्रों का मैदान से मोह हट रहा है। वहीं छात्र मजबूरन निजी एकेडमी में पैसा खर्च कर खेल की तैयारी कर रहे हैं।
यूनिवर्सिटी के पास एक भी सिंथेटिक ट्रैक नहीं है। ऐसे में खिलाडि़यों को बिना ट्रैक ही अभ्यास करना पड़ रहा है। गत सरकार में राजस्थान यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने यूनिवर्सिटी में सिंथेटिक ट्रैक की घोषणा की थी। इसके लिए दो करोड़ की वित्तीय स्वीकृृति भी मिली। लेकिन आज तक ट्रैक नहीं बना।
खेल सुविधाओं के लिए लेते शुल्क

राजस्थान यूनिवर्सिटी की ओर से खेल सुविधाओं के लिए छात्रों से प्रवेश के समय 210 रुपए लिए जाते हैं। लेकिन छात्रों के लिए खेल सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जातीं। यूनिवर्सिटी के स्पोर्ट्स बोर्ड को यह पैसा दिया जाना चाहिए, लेकिन यूनिवर्सिटी की ओर से अन्य खर्चों पर इसका उपयोग किया जाता है।
ट्रैक पिछली सरकार ने स्वीकृत किया था। अभी निर्माण शुरू नहीं हुुआ है। प्रक्रिया कहां अटकी है इसके लिए लिखा जाएगा। यूनिवर्सिटी में कोच के लिए एक ही स्थायी पद है।

डॉ. प्रमोद सिंह, खेल सचिव स्पोर्ट्स बोर्ड, राजस्थान यूनिवर्सिटी
यूनिवर्सिटी की ओर से खेल की सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। न कोच हैं, न सिंथेटिक ट्रैक है। हमने सरकार और खेल विभाग के अधिकारियों से मांग की है कि यूनिवर्सिटी में खेल की सुविधाओं को बढ़ाया जाए।
शुभम रेवाड़, छात्र प्रतिनिधि, राजस्थान यूनिवर्सिटी

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