शक की सुई पति पर, लेकिन सच्चाई थी कुछ और बालपुरा निवासी दिनेश कुमार ने 2 मई 2023 को अपनी पत्नी हिमांशी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया गया कि 28 अप्रैल की सुबह 5 बजे हिमांशी अचानक गायब हो गई थी। इस रहस्यमयी गुमशुदगी के बाद ससुरालवालों पर शक गहरा गया। खुद हिमांशी की मां ने मानवाधिकार आयोग और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर बेटी की हत्या या साजिशन गायब किए जाने की आशंका जताई। पुलिस दो साल तक इस राज़ को सुलझाने में लगी रही लेकिन कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था।
तकनीक और गुप्त सूचना से टूटा राज पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत के निर्देश पर एएसपी नीमराणा शालिनी राज और डीएसपी बहरोड़ कृतिका यादव के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। बहरोड़ थानाधिकारी विक्रांत शर्मा के साथ हेड कांस्टेबल रामनिवास और महिला कांस्टेबल सुशीला इस केस की गुत्थी सुलझाने में जुट गए।
तकनीकी जांच और गुप्त सूचनाओं के आधार पर टीम ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में खोजबीन की और आखिरकार चौंकाने वाला खुलासा हुआ। हिमांशी पत्नी दिनेश यादव (23 वर्ष) निवासी बालपुरा थाना सदर बहरोड न तो मरी थी, न ही उसे किसी ने अगवा किया था बल्कि वह अपने प्रेमी के साथ बिहार के चंपारण जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के बंजरिया में आराम से जिंदगी बिता रही थी।
पति इंतजार करता रहा, पत्नी प्रेमी संग थी मस्त जिस महिला के गुमशुदा होने पर पुलिस दो साल से माथापच्ची कर रही थी वह अपने प्रेमी के साथ घर बसा चुकी थी। पुलिस ने उसे दस्तयाब कर लिया है लेकिन अब सवाल ये है कि क्या वह अपने पति के पास लौटेगी या फिर इस प्यार के खेल में नया मोड़आएगा? अब पुलिस की जांच इस ओर बढ़ रही है कि हिमांशी अपनी मर्जी से गई थी या फिर उसे बहला-फुसलाकर भगाया गया था। वहीं पति दिनेश के लिए ये खुलासा किसी सदमे से कम नहीं, जिसने दो साल तक अपनी पत्नी के लौटने की राह देखी।