राजस्थान विधानसभा से पारित 6 विधेयक केंद्र ने किए वापस, राज्यपाल ने विधानसभा को लौटाए
Rajasthan News : राजस्थान विधानसभा से पारित कृषि से जुड़े तीन विधेयक सहित छह विधेयक केन्द्र सरकार ने लौटा दिए हैं। इन विधेयकों को राज्यपाल ने विधानसभा को लौटा दिया है। इनमें से पांच विधेयक कांग्रेस सरकार के समय पारित किए गए थे।
Rajasthan News : राजस्थान विधानसभा से पारित कृषि से जुड़े तीन विधेयक सहित छह विधेयक केन्द्र सरकार ने लौटा दिए हैं। इन विधेयकों को राज्यपाल ने विधानसभा को लौटा दिया है। इनमें से पांच विधेयक कांग्रेस सरकार के समय पारित किए गए थे।
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े की ओर से लौटाए गए इन विधेयकों के बारे में शुक्रवार को विधानसभा में जानकारी दी गई। इनमें धर्म स्वातंत्र्य विधेयक व राजस्थान लिंचिंग से संरक्षण विधेयक भी शामिल हैं। विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन में बताया गया कि 20 मार्च 2008 को विधानसभा से पारित राजस्थान धर्म स्वातंत्र्य विधेयक, पांच अगस्त 2019 को विधानसभा से पारित राजस्थान लिंचिंग से संरक्षण विधेयक, 2 नवम्बर 2020 को पारित आवश्यक वस्तु (विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन) विधेयक, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) (राजस्थान संशोधन) विधेयक व कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार (राजस्थान संशोधन) विधेयक तथा 2 अगस्त 2023 को पारित राजस्थान विद्युत (शुल्क) विधेयक केन्द्र सरकार ने लौटा दिए हैं। इन विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया था। इनमें से कृषि संबंधी तीन विधेयक केन्द्र सरकार की ओर से बनाए गए तीन विवादित कानूनों को प्रदेश में लागू होने से रोकने के संबंध में थे, लेकिन केन्द्र सरकार ने तीनों कानूनों को वापस ले लिया था। ऐसे में इन विधेयकों का अब कोई औचित्य नहीं रह गया था।
लिंचिंग को लेकर भारतीय न्याय संहिता में प्रावधान
इसके अलावा लिंचिंग को लेकर भारतीय न्याय संहिता में प्रावधान कर दिया गया है, यह तर्क देकर राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से विधेयक को वापस मंगा लिया। इसी तरह विद्युत (शुल्क) विधेयक भी राज्य सरकार ने इसमें शामिल कुछ प्रावधान केन्द्रीय कानून में होने के आधार पर वापस मंगाया गया है। इसके अतिरिक्त धर्म स्वातंत्र्य विधेयक को नए रूप में लाया जाएगा, इस कारण इसे वापस मंगाया गया है।