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जयपुर

राजस्थान में बजरी का आया नया व सस्ता विकल्प, खान एवं भूविज्ञान विभाग ने उठाया बड़ा कदम

Rajasthan News : राजस्थान में बजरी का आया नया व सस्ता विकल्प। प्रदेश में 31 एम-सेण्ड इकाइयों की स्थापना के लिए ई-नीलामी प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। भारत सरकार के ई-पोर्टल पर 28 जनवरी से 6 फरवरी तक ई-नीलामी होगी। इससे राज्य में निवेश और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।

जयपुरJan 15, 2025 / 04:50 pm

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan Come New and Cheaper Alternative to Gravel Mines and Geology Department has taken a Big Step
Rajasthan News : राजस्थान के खान एवं भूविज्ञान विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकान्त ने बताया है कि राजस्थान में 31 एम-सेण्ड इकाइयों की स्थापना के लिए 10 जनवरी से ई-नीलामी प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। भारत सरकार के ई-पोर्टल पर 28 जनवरी से 6 फरवरी तक नीलामी कार्यक्रम के अनुसार बोली लगाई जा सकती है। सीएम भजनलाल ने 4 दिसंबर को नई खनिज नीति और नई एम-सेण्ड नीति जारी की थी। नए वर्ष में 3 जनवरी को दोनों ही नीतियों के अनुसार संशोधित नियम जारी किए गए। इसके बाद ही विभाग एक्शन मोड में आ गया। विभाग ने एक सप्ताह में ही 31 एम-सेण्ड इकाइयों की स्थापना के लिए निविदा सूचना जारी कर दी। अब प्रदेश में माइनिंग सेक्टर में नया निवेश और रोजगार के अवसर विकसित हो सकेंगे।

रोजगार के अवसर होंगे विकसित

टी. रविकान्त ने बताया कि नई नीति में एम-सेण्ड इकाइयों को उद्योग का दर्जा देने के साथ ही राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना में विशेष रियायतें दी गई है। नई एम-सेण्ड नीति में आम नागरिकों को बजरी के विकल्प के रुप में सस्ती एवं सहज उपलब्धता, नदियों से बजरी की आपूर्ति पर निर्भरता कम करते हुए पारिस्थितिकीय तंत्र में सुधार, खनन क्षेत्र के आवरबर्डन का बेहतर उपयोग, भवनों और कंक्रीट ढांचे के मलबे को रिसाईकलिंग के साथ ही एम-सेण्ड उद्योग को बढ़ावा व रोजगार के अवसर विकसित करना है।
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सरकार ने दी कईं रियायतें

टी. रविकान्त ने बताया कि नई नीति में एम-सेण्ड इकाई की स्थापना की पात्रता में रियायत देते हुए 3 साल के अनुभव व 3 करोड़ के टर्न ऑवर की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। इसी तरह से ऑवरबर्डन पर देय रॉयल्टी को कम किया गया है वहीं नीलामी के समय एम-सेण्ड यूनिट के लिए दो प्लाट रखने के स्थान पर 5 प्लाट आरक्षित कर आवंटित किया जाएगा।
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प्रदेश में बजरी के विकल्प के रूप में एम-सेण्ड को देना है बढ़ावा

टी. रविकान्त ने बताया कि इसके साथ ही ऑवरबर्डन पर देय डीएमएफटी की राशि में छूट, एम-सेण्ड के निर्माण में प्रयुक्त ऑवरबर्डन पर देय रॉयल्टी को कम करने, सरकारी और सरकार से वित पोषित निर्माण कार्यों में बजरी की मांग के आपूर्ति में 50 प्रतिशत एम-सेण्ड के उपयोग की अनिवार्यता तय की गई है ताकि प्रदेश में बजरी के विकल्प के रूप में सरकारी निर्माण कार्यों में एम-सेण्ड के उपयोग को बढ़ावा देना है।
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10 जनवरी को जारी की निविदा सूचना

निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि 15 जिलों में 31 एम-सैण्ड प्लॉटों की ई-नीलामी के लिए भारत सरकार के ई पोर्टल पर 10 जनवरी को निविदा सूचना जारी कर दी गई है। विस्तृत सूचना विभागीय वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।
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राजस्थान के इन जिलों में जारी की नीलामी की सूचना

भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि अजमेर, नागौर, सिरोही, उदयपुर, चित्तोड़गढ़, जयपुर, झुन्झुनू, बारां, पाली और सीकर में दो-दो, बून्दी, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ में तीन-तीन और कोठपुतली और दौसा में एक-एक इकाई की नीलामी सूचना जारी की गई है। उन्होंने बताया कि इनमें 28 डेलिनियेटेड प्लॉट मैसेनरी स्टोन के एम-सेण्ड इकाइयों की स्थापित करने वाले बोली दाताओं के लिए और ओवर वर्डन के 3 डेलिनियेटेड प्लॉट एम-सेण्ड इकाइयां स्थापित करने वाले बोलीदाताओं के लिए नीलाम किये जा रहे हैं।

यहां पाएं विस्तार से जानकारी

कलाल ने बताया कि एम-सेण्ड इकाइयों की नीलामी में भाग लेने वाले बोलीदाता विभागीय वेबसाइट और भारत सरकार के ई-पोर्टल पर निविदा कार्यक्रम, प्रक्रिया आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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