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जयपुर

राजस्थान कांग्रेस शुरू करेगी ‘मिशन वागड़’, 3 दिन में 5 जिलों में घूमेंगे कांग्रेस के बड़े नेता; जानें क्यों

Rajasthan Congress: राजस्थान कांग्रेस आगामी दिनों में आदिवासी बहुल वागड़ क्षेत्र में ‘मिशन वागड़’ अभियान की शुरुआत करने जा रही है।

जयपुरApr 24, 2025 / 06:37 pm

Nirmal Pareek

Rajasthan Congress Leader
Rajasthan Congress: राजस्थान कांग्रेस आगामी चुनौतियों को देखते हुए आदिवासी बहुल वागड़ क्षेत्र में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने के लिए ‘मिशन वागड़’ अभियान की शुरुआत करने जा रही है। यह तीन दिवसीय विशेष कार्यक्रम 2 से 4 मई तक प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सलूंबर और उदयपुर ग्रामीण जिलों में आयोजित होगा। इस अभियान का उद्देश्य है, आदिवासी समाज की नब्ज समझना, संवाद स्थापित करना और संगठन को फिर से सक्रिय करना।

क्या है कांग्रेस का ‘मिशन वागड़’?

दरअसल, ‘मिशन वागड़’ राजस्थान कांग्रेस का फोकस्ड एक्शन प्लान है, जिसका उद्देश्य आदिवासी समुदाय के बीच कांग्रेस की साख को पुनर्स्थापित करना है। इस अभियान के तहत पार्टी के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह डोटासरा, सुखजिंदर सिंह रंधावा और टीकाराम जूली खुद आदिवासी अंचलों का दौरा करेंगे और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं और नेताओं से सीधे संवाद करेंगे।
बताया जा रहा है कि हर जिले में 300-400 चयनित कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ संवाद, लंच और डिनर के जरिए स्थानीय मुद्दों और भावनाओं को समझा जाएगा।

कहां-कहां होगा दौरा?

जानकारी के मुताबिक इस मिशन की शुरुआत प्रतापगढ़ जिले से संवाद कार्यक्रम के साथ होगी। फिर डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सलूंबर औऱ उदयपुर ग्रामीण का दौरा करेंगे। तीन दिन के भीतर इन पांच जिलों का दौरा कर कांग्रेस नेता स्थानीय नेतृत्व को सक्रिय करेंगे और फीडबैक एकत्रित करेंगे।

इस मिशन की जरूरत क्यों पड़ी?

राजस्थान कांग्रेस से जुड़े जानकारो के मुताबिक कभी कांग्रेस का अभेद्य गढ़ माने जाने वाला वागड़ क्षेत्र, अब बीटीपी और बाप पार्टी के उदय के बाद कमजोर हो गया है। इस क्षेत्र में आदिवासी, दलित और ओबीसी वर्ग निर्णायक भूमिका में रहे हैं, लेकिन बीते चुनावों में ये मतदाता कांग्रेस से खिसकते नजर आए।
कांग्रेस को अब एहसास हुआ है कि यदि राज्य में फिर से वापसी करनी है, तो अपने पारंपरिक वोट बैंक को सहेजना और पुनः जोड़ना जरूरी है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी के निर्देश पर यह रणनीति तैयार की गई है, जो ना केवल राजस्थान बल्कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और गुजरात जैसे आदिवासी बहुल राज्यों में भी लागू की जाएगी।

क्या है इस अभियान की रणनीति?

बताते चलें कि इस अभियान में मंडल, ब्लॉक और जिला स्तरीय कार्यकर्ताओं को सीधा महत्व, सिर्फ भाषण नहीं, लंच-डिनर के जरिए व्यक्तिगत संवाद और जुड़ाव, स्थानीय मुद्दों की पहचान और समाधान के लिए रियल टाइम फीडबैक और वोट बैंक के साथ भावनात्मक रिश्ता मजबूत करने की कोशिश रहेगी।

भविष्य की तैयारी भी तय होगी

गौरतलब है कि राजस्थान में अगले कुछ वर्षों में लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तैयारी को देखते हुए कांग्रेस माइक्रो लेवल पर संगठन को पुनर्गठित करने की कोशिश में है। ‘मिशन वागड़’ के जरिए न केवल पार्टी अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है, बल्कि यह भी साबित करना चाहती है कि अब कांग्रेस ही आदिवासी समाज की असली हितैषी है।

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