नीति के प्रमुख बिंदु:
- 1-स्टेट जीएसटी राशि का पुनर्भरण एवं एकमुश्त अनुदान:
- •इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले उपभोक्ताओं को राज्य सरकार से वित्तीय सहायता मिलेगी।
- •यह सहायता सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी।
- 2-योग्य वाहन एवं निर्माता:
- •केवल फेम-2 (FAME-II) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप आधुनिक बैटरी युक्त इलेक्ट्रिक वाहन ही इस योजना के तहत पात्र होंगे।
- •वाहन निर्माताओं को पहले परिवहन विभाग के पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा।
- •पंजीकरण के बाद निर्माता को अपने वाहनों की बैटरी क्षमता और मॉडल से जुड़ी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
- •सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, वाहन मालिकों को सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आवेदन करने की अनुमति दी जाएगी।
- 3-आवेदन प्रक्रिया:
- •वाहन मालिक को अपने पंजीकरण क्रमांक और चेसिस नंबर के अंतिम 5 अंक पोर्टल पर दर्ज करने होंगे।
- •इसके बाद, आवेदक के मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा।
- •बैंक खाते की जानकारी, पासबुक का फ्रंट पेज या रद्द किया गया चेक अपलोड करने के बाद, आवेदन सबमिट किया जाएगा।
- •स्वीकृत होने पर, अनुदान राशि सीधे वाहन स्वामी के बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
- 4-वाहनों की सीमित संख्या:
- •सरकार ने प्रत्येक श्रेणी के वाहनों की एक निर्धारित संख्या के लिए यह प्रोत्साहन राशि तय की है।
सरकार की पहल से ई-वाहनों को बढ़ावा
राजस्थान सरकार की यह पहल न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देगी, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण और हरित ऊर्जा के इस्तेमाल को भी प्रोत्साहित करेगी। राज्य सरकार की इस योजना से न केवल आम जनता को आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। यह नीति राजस्थान को ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।