ईडी मामलों की विशेष अदालत ने 13 जून को महेश जोशी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। जोशी की ओर से याचिका में बताया गया कि ईडी करीब ढाई करोड़ रुपए का अपराध बता रही है, जो संदेहास्पद है।
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साल 2024 में नोटिस जारी किया
याचिकाकर्ता को काल्पनिक आधार पर आरोपी बनाया गया है। याचिकाकर्ता को ईडी ने मार्च 2024 में नोटिस जारी किया और करीब एक साल बाद अप्रैल 2025 में गिरफ्तार किया गया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद गवाहों की वीडियोग्राफी नहीं करवाई गई। ईडी के अनुसार, कुछ जलदाय अभियंताओं ने ठेकेदारों से रिश्वत लेना स्वीकार किया, लेकिन उन्हें आरोपी ही नहीं बनाया गया।
ईडी लगा रही ये आरोप
ईडी 2.01 करोड़ रुपए का आरोप लगा रही है। ईडी के पास कोई सबूत नहीं है। ईडी उनके बेटे की फर्म में 50 लाख रुपए का लेन-देन बता रही है, लेकिन यह राशि बेटे की कंपनी ने लोन पर ली थी और उसे चुका भी दिया है। इसलिए उसे जमानत दी जाए। पिछले दिनों ही ईडी मामलों की विशेष कोर्ट ने महेश जोशी को जमानत देने से मना करते हुए उसकी अर्जी खारिज कर दी थी।